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Monday, Oct 2, 2023
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कैलारस के सहकारी शक्कर कारखाने की बिक्री पर रोक

मुरैना/ कैलारस(देसराग)। मुरैना जिले के सबसे सहकारी शक्कर कारखाना की नीलामी पर फिलहाल सरकार ने रोक लगा दी है। खबर है कि राज्य शासन ने इस बाबत आदेश भी जारी कर दिए हैं। कारखाने की बिक्री का विरोध कर रहे आंदोलनकारी इसलिए आंदोलन की बड़ी जीत मान रहे हैं।
सन 1971 में शुरू हुए इस शक्कर कारखाने कि बंद होने से इस क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई है। कारखाने को फिर से चालू करने के लिए राजनीतिक दल और किसान संगठन पिछले 3 महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलनकारियों के बढ़ते दबाव के बाद सरकार ने कारखाने को बेचने का अपना इरादा बदल दिया है। आंदोलनकारियों की माने तो सरकार की नव उदारवादी नीतियों की वजह से पहले पोरसा का बस स्टैंड नीलाम किया गया और उसके बाद मुरैना की बस स्टैंड को भी नीलाम कर दिया गया। सरकार अब इस कारखाने को बेचना चाहते हैं। शक्कर कारखाने को फिर से शुरू किए जाने को लेकर आंदोलनकारियों ने हाल ही में 13 अप्रैल को जेल भरो आंदोलन भी किया था।
यह कारखाना कभी कैलारस और मुरैना अंचल की जीवन रेखा हुआ करता था। फिलहाल साल 2010 से कारखाना बंद पड़ा हुआ। एक समय इसमें 1500 कर्मचारी कार्यरत थे। मामूली घाटे के चलते इसे बंद करने का फैसला लिया गया था। आंदोलनकारियों के नेता अशोक तिवारी के मुताबिक तहसील जौरा, सबलगढ़, कैलारस और विजयपुर के लगभग 25000 किसान परिवार इससे बतौर शेयर होल्डर जुड़े हुए थे अब इनकी संख्या महज तेईस सौ रह गई है। उन्होंने बताया कि 12 मई को कारखाने को चालू करने के समान पर एक वृहद बैठक रखी गई है जिसमें आंदोलन की आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा।

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