खरगोन(देसराग)। दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान प्रशासन पर अपनी गुमठी तोड़ने का आरोप लगाकर पलटने वाला दिव्यांग वसीम शेख एकबार फिर पलट गया है। अब उसने एकबार फिर प्रशासन पर अपनी गुमठी तोड़ने का आरोप लगाया है। मध्यप्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद चर्चा में आए दिव्यांग वसीम शेख लगातार अपने बयान बदल रहे हैं। अब वसीम का कहना है कि उनकी गुमटी या तो जिला प्रशासन ने तोड़ी है, या फिर दंगाइयों ने। उनका कहना है कि घटना के सीसीटीवी फुटेज देखे जाएं और उसी के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
इससे पहले सोमवार की शाम को ही नगरपालिका सीएमओ प्रियंका पटेल से वसीम ने कहा था, मेरा मकान और गुमटी जिला प्रशासन ने नहीं तोड़ी है। शहर में रामनवमी के जुलूस के दौरान पथराव और आगजनी की हिंसा हुई थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने ताबड़तोड़ दंगाइयों के अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई शुरू की थी। इसी दौरान संजय नगर में रहने वाले वसीम शेख की गुमटी भी टूट गई थी। वसीम दिव्यांग हैं और उनके दोनों हाथ नहीं हैं। पतंग और अन्य सामग्रियां बेचकर जीवन-यापन करने वाले दिव्यांग वसीम ने घटना के 4 दिन बाद बयान दिया था कि शासन की कार्रवाई में उसकी गुमटी तहस-नहस कर दी गई है। फिर कहा कि प्रशासन ने गुमटी नहीं तोड़ी है। अब एक बार फिर उन्होंने कहा है कि उन्हें नहीं मालूम प्रशासन ने तोड़ी या दंगाइयों ने सीसीटीवी फुटेज देखकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।