ग्वालियर(देसराग)। हाल ही में उत्तर प्रदेश के कानपुर में विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) के रामोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए साध्वी ऋतंभरा ने अजीब बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि ‘हर हिंदू पुरुष को अब 4 बच्चे पैदा करने चाहिए। इनमें से दो बच्चे परिवार के लिए रखें और दो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिन्दू परिषद को सौंप देने चाहिए ताकि वह राष्ट्र यज्ञ में योगदान दे सकें। इतनी मंहगाई में जब महिलाओं को दो बच्चे भी पालना मुश्किल है, स्वास्थ्य व्यवस्थाएं जर्जर हालत में हैं, औरतें कुपोषण और खून की कमी की शिकार हैं, देश में बाल मृत्यु दर,मातृ मृत्यु दर में कोई सुधार नहीं है, तब ज्यादा बच्चे पैदा करने का यह आव्हान औरतों को और बदतर हालत में पहुंचा देगा।
जनवादी महिला समिति (एडवा) की जिलाध्यक्ष रीना शाक्य व जिला सचिव प्रीति सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा कि जब साध्वी अपनी मर्जी के मुताबिक संन्यासी जीवन जी सकती है तब कोई महिला कितने बच्चे पैदा करे यह तय क्यों नहीं कर सकती। साध्वी कौन होती हैं महिलाओं को बच्चे पैदा करने का आव्हान करने वाली ? इस प्रकार का बयान दर्शाता है कि ऋतंभरा जैसी महिलाएं और उनके संगठन महिलाओं को बच्चे पैदा करने की मशीन के अलावा कुछ नहीं समझते। मोदी सरकार बड़े-बड़े होर्डिंग व प्रचार के माध्यम से महिला सम्मान की बात करती हैं ,जनसंख्या नियंत्रण की बात कहती है पर इस प्रकार की टिप्पणी पर सरकार के किसी भी मंत्री का खेद व्यक्त करते हुए बयान नहीं आता और ना ही साध्वी पर कोई कार्रवाई होती है|
साध्वी के बच्चे पैदा करने के आव्हान का अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति कड़ा विरोध करती है, और केंद्र सरकार से यह मांग करती है कि साध्वी ऋतंभरा पर केस दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाए।
जमस सरकार से यह भी मांग करती है कि वह देश में साम्प्रदायिक सौहार्द कायम रखने के कदम उठाए |
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