67 करोड़ का बोनस बांटने के लिए 15 करोड़ खर्च करेगी सरकार
भोपाल(देसराग)। 22 अप्रैल को देश के गृहमंत्री अमित शाह राजधानी भोपाल में तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस बांटने के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया है। सरकार के इस प्रोग्राम पर कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए इसे तमाशा और जनता के पैसे की लूट बताया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि 67 करोड़ का बोनस बांटने के लिए किए जा रहे इस तमाशे पर 10 से 15 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
बुलाए एक लाख तेंदुपत्ता संग्राहक
कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष ने बताया कि सरकार इस आयोजन में शामिल होने के लिए एक लाख तेंदुपत्ता संग्राहकों भोपाल बुला रही है। उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का आरोप है कि एक व्यक्ति को लाने पर अगर कम से कम एक हजार रुपए खर्चा आता है तो एक लाख लोगों को लाने पर 10 करोड़ की राशि सिर्फ परिवहन पर खर्च कर दी जाएगी। कम से कम 2 करोड़ रुपए इतने लोगों के भोजन पर और 3 करोड़ रुपए अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च होंगे। गुप्ता कहते हैं कि 67 करोड़ रुपए का बोनस बांटने के लिए सरकार लगभग 15 करोड़ का जनधन इस तमाशे पर लुटाने जा रही है।
किस बात की उपलब्धि मना रही सरकार
भूपेंद्र गुप्ता का आरोप है कि सरकार को जनता के पैसे को इस तरह खर्च करने का हिसाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आखिर सरकार अपनी किस उपलब्धि के लिए इतना बड़ा आयोजन कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि तेंदुपत्ता संग्राहकों को जो बोनस बांटा जा रहा है वह 2020 का है। साल 2022 में दो साल बाद 2020 का बोनस बांटना कैसी उपलब्धि है।
लाभांश की राशि आधी क्यों?
गुप्ता ने कहा कि 160 करोड़ से ज्यादा वन समितियों का लाभांश वितरण लंबित है। जबकि सरकार लाभांश की सिर्फ आधी राशि ही दे रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार बताए लाभांश की राशि पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले आधी क्यों है? नगद लाभांश देने की कमलनाथ सरकार की व्यवस्था क्यों तोड़ी जा रही है? संग्रहण कम हुआ या आदिवासी संग्राहकों के हिस्से का लाभ कहीं और उपयोग किया जा रहा है। गुप्ता ने आरोप लगाया कि लघु वनोपजों के लाभांश वितरण में सरकार आदिवासियों के साछ छल कर रही है।
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