ग्वालियर(देसराग)। गर्मी शुरू होते ही प्रदेश के कई जिलों में जल सकंट गहराना शुरू हो गया है। इसके बाद भी ग्वालियर, भोपाल, इंदौर सहित दो दर्जन जिले ऐसे हैं, जिनमें अब तक जल संरक्षण के लिए बड़े तालाब, चेकडैम और स्टाम डैम निर्माण के लिए जल संग्रहण संरचनाओं को चिहिन्त तक नहीं किया जा सका है। सरकार द्वारा इसके लिए हर जिले को सौ-सौ जल संग्रहण संरचनाओं को अमृत सरोवर योजना में चिह्नित करने का लक्ष्य दिया गया था। इसमें रायसेन जिला भी शामिल है। इस जिले से ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जलाभिषेक अभियान का शुभारंभ किया गया है।
दरअसल सरकार की मंशा इसके पीछे सिंचाई, मत्स्य पालन, सिंघाड़ा उत्पादन सहित अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देने की है। यह काम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) सहित अन्य शासकीय योजनाओं के माध्यम से कराए जाने की वजह से इसके लिए बजट का भी कोई संकट नहीं है।
इस मामले में सबसे अच्छा काम मुरैना और जबलपुर जिले में किया गया है। इन दोनों ही जिलों में इस योजना के तहत 237- 237 कार्य चिह्नित किए जा चुके हैं। इन संरचनाओं से ग्रामीणों को जोड़ने के लिए जल उपयोगकर्ता समूहों का गठन किया जाना है। विभाग के मुताबिक अब तक अमृत सरोवर के लिए पांच हजार 187 कार्य चिह्नित किए जा चुके हैं। अब इस मामले में फिसड्डी साबित हो रहे जिलों के कलेक्टरों को जिलों में लक्ष्य की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री ने जल सरंक्षण के कामों को प्राथमिकता में लेने के निर्देश दिए हैं। इस अभियान का पहला चरण जून 2022 और दूसरा मार्च 2023 तक चलेगा।
अभियान के तहत चेक डैम, स्टॉप डैम, खेत तालाब, पौधरोपण सहित अन्य कार्य होंगे। इसके चयन में भोपाल जिला पिछड़ गया है। नर्मदापुरम (होशंगाबाद), बालाघाट, उज्जैन और सागर भी अंतिम पांच जिलों में शामिल हैं। इसके अलावा इस मामले में इंदौर व ग्वालियर भी अब तक फिसड्डी बने हुए हैं। अब तक की जानकारी के अनुसार हरदा में 38, शहडोल में 76 ,पन्ना में 85 , इंदौर में 45 , सतना में 78, बड़वानी में 90, भोपाल में 45, शिवपुरी में 81, रायसेन में 90, नरसिंहपुर में 68, ग्वालियर में 81,दतिया में 92, आगर-मालवा में 71, दमोह में 83 , खंडवा में 93 ,श्योपुर में 93, मंदसौर में 75, उमरिया में 84, देवास में 94, टीकमगढ में 76 , रतलाम में 85 , बैतूल में 95, गुना में 84, और उज्जैन में 72 जगह ही चिहिन्त की गई हैं। वहीं, अभियान के तहत काम चिह्नित करने में शिवपुरी (18 हजार 901), छतरपुर (15 हजार 197), अनूपपुर (आठ हजार 184), श्योपुर (आठ हजार 767) और बुरहानपुर (छह हजार 488) जिले आगे हैं।
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