रीवा(देसराग)। ओलंपिक में देश के लिए कांस्य पदक लाने वाली बेटी सीता साहू को प्रशासन के द्वारा सम्मान राशि दी गई है। इसके अलावा जिला प्रशासन ने उसके जीवन गुजारने के लिए दुकान और मकान भी दिए जाने का भरोसा जताया है, वहीं आठवीं की पढ़ाई पूरी होने के बाद सीता को खेल कोटे से नौकरी भी दी जाएगी।
बीते दिनों अपने जीवन गुजारने के लिए जद्दोजहद करने वाली देश की बेटी सीता साहू की खबर सुर्खियों में रही थी, जिसके बाद खबर का असर देखने को मिला है। अब उसकी परेशानी को दूर करने प्रशासन ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाएं हैं। दरअसल, वर्ष 2011 में दिव्यांग कोटे से ओलंपिक में खेलते हुए दौड़ में भारत को कांस्य पदक दिलाने वाली रीवा की बेटी सीता साहू का जिला प्रशासन के द्वारा सम्मान किया गया, जिसमें जिला प्रशासन ने सीता को 10 हजार रुपए की सम्मान राशि देते हुए आने वाले समय में उसे दुकान और मकान दिलाए जाने का भरोसा दिया है। इसके अलावा प्रशासन के द्वारा सीता साहू की आठवीं तक की पढ़ाई पूर्ण किए जाने के बाद उसे खेल कोटे से नौकरी दिए जाने का भी वादा किया गया है। जिससे अब नौकरी मिलने के बाद सीता को जिंदगी जीने में सहूलियत मिलेगी।
ज्योतिरादित्य सिंधिया भूले अपना वादा
भारत को 2 कांस्य पदक दिलाने के बाद भारत सरकार के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के द्वारा सीता को 5 लाख रुपए की सम्मान राशि दी गई थी, इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीता साहू को मकान और दुकान दिलाए जाने का भरोसा दिया था मगर ओलंपिक में कांस्य पदक जीते 11 वर्ष बीत गए और भारत सरकार के द्वारा की गई घोषणाओं पर किसी प्रकार का क्रियान्वयन नहीं किया गया। इस समय सीता को समोसे बेच कर अपना गुजर-बसर करना पड़ रहा था। बाद में खबर चलने के बाद प्रशासन जागा और उसने सीता साहू को सम्मान राशि सहित दुकान और मकान दिए जाने का भरोसा दिया, वहीं जिला प्रशासन ने अब सीता को नौकरी दिए जाने का भी भरोसा दिया है।
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