दलित उत्पीड़न के खिलाफ 29 क़ो एसडीएम क़ो ज्ञापन सौंपगे
नागदा(देसराग)। प्रदेश में दलित उत्पीड़न की घटनाओं में अचानक हुई वृद्धि के पीछे आरएसएस का मनुवादी एजेंडा है, जिसे शिवराज सिंह चौहान की सरकार तेज़ी से लागू कर रही है। इसे सिर्फ दलित दूल्हे क़ो घोड़ी से उतार देने, मंदिर प्रवेश से रोकने या हुक्का पानी बंद कर देने की घटनाओ तक सीमित नहीं करना चाहिए, बल्कि सबको जोड़कर समग्रता से देखने की जरुरत है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने आज दलित शोषण मुक्ति मंच के कार्यकर्ताओं क़ो सम्बोधित करते हुए यह बात कही।
माकपा नेता ने कहा कि भाजपा और संघ परिवार का असली मकसद हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना नहीं बल्कि मनुवादी व्यवस्था कायम करना है। इसलिए उनके असली दुश्मन भी अल्पसंख्यक नहीं, बल्कि दलित, आदिवासी, पिछड़े और महिलाएं हैं। इस्लाम तो 1400 साल पहले पैदा हुआ है जबकि दलित आदिवासियों और पिछड़ों पर उत्पीड़न तो पांच हज़ार साल से हो रहा है।
जसविंदर सिंह ने कहा कि ज़ब भाजपा ने हमें मंदिर मस्जिद, हिज़ाब और लाउड स्पीकर में उलझा रखा है, तब पुलिस की भर्ती में आरक्षण खत्म कर दिया गया। हमारे बच्चों क़ो मिलने वाला किराया और छात्रवृत्ति पर हमले हो रहे हैं। भाजपा और संघ परिवार की इन हरकतों क़ो समझना होगा।
माकपा नेता ने कहा कि इस क्षेत्र का सांसद तो दलित है, फिर भी वह चंदवासला, बदनावर और इस प्रकार की घटनाओ पर चुप है, क्योंकि वह संघ परिवार की विचारधारा के खिलाफ नहीं जा सकता है। उन्होंने दलित उत्पीड़न की घटनाओ के खिलाफ सभी दलितों क़ो एकजुट करने की बात कही। विभिन्न दलित जातियों के बीच भेदभाव मनुवादी साजिश का हिस्सा है। जिसे समझना बहुत जरूरी है। बैठक में 29 अप्रैल क़ो खाचरोद एसडीएम क़ो ज्ञापन देने का भी निर्णय किया गया।
previous post