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Thursday, Dec 7, 2023
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11 हजार करोड़ की कमाई लेकिन अमले का टोटा, कैसे रुकेगी शराब की कालाबाजारी?

भोपाल(देसराग)। मध्य प्रदेश में करीब 11 हजार करोड़ के राजस्व की कमाई करने वाले आबकारी विभाग में अमले को टोटा बना हुआ है। ऐसे में विभाग के सामने अवैध शराब के धंधे को रोकने की चुनौती है। वहीं राजस्व आय को बरकरार रखना भी टेढ़ी खीर लग रही है। जानकारी के अनुसार आबकारी विभाग में करीब 50 फीसदी अमला नहीं होने की वजह से अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगा पाना मुश्किल लग रहा है।
अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी से जिलों में एक व्यक्ति के पास दो से तीन प्रभार हैं। वर्तमान में 32 जिला आबकारी अधिकारी, 225 उपनिरीक्षक, 159 मुख्य आरक्षक सहित अन्य संवर्ग के भी ढेरों पद खाली पड़े हुए हैं। आबकारी आयुक्त राजीव चंद्र दुबे का कहना है कि फील्ड और दफ्तरों में खाली पदों के कारण विभाग में कुछ दिक्कतें हैं। अभी भर्ती के लिए भी कोई प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गईहै। आरक्षकों की कमी को दूर करने होमगार्ड जवानों की सेवाएं ली गई हैं। जल्द विभाग में भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
विभाग के पास करीब 50 फीसदी ही स्टाफ
सरकार ने जहरीली शराब पीने से हुई करीब 60 से अधिक मौतों के बाद इसकी बिक्री करने वालों पर मृत्युदंड की सजा देने का प्रावधान किया है। साथ ही जुर्माना भी कड़ा किया गया है। जबकि फील्ड में कार्रवाई के लिए विभाग के पास करीब 50 फीसदी स्टाफ ही है। जो अमला कार्य कर रहा है, उसके पास भी एक से अधिक प्रभार है। उपनिरीक्षक नहीं होने से फील्ड में प्रकरण भी दर्ज होने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यालय में भी कर्मचारियों की कमी है। प्रदेश सरकार ने 3 अगस्त 2021 में जहरीली शराब पीने से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने और इस अपराध के लिए व्यक्ति के दोषी पाए जाने वा आजीवन कारावास या मृत्युदंड सहित न्यूनतम 20 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। हालांकि इसके बाद से अब तक इस मामले के किसी आरोपी को मृत्युदंड की सजा नहीं सुनाई गई है।
विभाग में अपर आयुक्त ही नहीं
मप्र में आबकारी विभाग में अधिकारियों-कर्मचारियों की किस प्रकार की कमी है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विभाग में अपर आयुक्त के दोनों पद खाली हैं। वहीं उपायुक्त के 11 पदों में से 5 खाली हैं। इसके अलावा जिला अधिकारी के 62 स्वीकृत पदों में से 30 ही पद पर भरे हुए हैं। वहीं सहायक जिला अधिकारी के 262 में से 86 पद खाली हैं। उपनिरीक्षक के 531 में 225, मुख्य आरक्षक के 316 में से 159, आरक्षक के 1021 में से 456, आईटी ऑपरेटर के 105 में से 28, सहायक ग्रेड-2 के 92 में से 42, सहायक ग्रेड-3 के 158 में से 26 पद खाली हैं।

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