18.5 C
New York
Wednesday, Sep 27, 2023
DesRag
राज्य

खरगोन में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की हुई किरकिरी, बैरंग लौटाया

भोपाल(देसराग)। पहले आतंकी बनवाओ, फिर घर जलवाओ, आप से कुछ नहीं होगा साहब, आप वापस जाओ। जी हां यह दास्तांन है दंगा प्रभावित इलाके खरगौन के पीड़ितों की, जो उन्होंने खरगौन में शांति होने के 25 दिन बाद अपनी सियासी राेटियां सेंकने पहुंचे कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं को सुनाई।
अलबत्ता खरगौन के बाशिन्दों की दो टूक सुनकर नि:शब्द होकर वापस लौटना पड़ा। दंगा पीड़ित बोले आपसे कुछ नहीं होगा, आप बस 5 रुपए की जहर की पुड़िया ला दो। 1 महीने बाद हमारी याद आ रही है आपको। आप बस घर जलवाओ। ये शब्द थे, उन पीड़ितों के जिन्होंने दंगे में अपने घरों को जलते देखा और अपना सब कुछ खो दिया। इन दंगा पीड़ितों से मिलने जब कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल खरगोन पहुंचा तो रहवासी भड़क गए। उन्होंने उनकी बात सुनने से इनकार करते हुए उन्हें खदेड़ दिया।
प्रतिनिधिमंडल में स्थानीय विधायक, पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद भी शामिल थे। 10 अप्रैल को खरगोन में हुए दंगों के 25 दिन बाद कांग्रेसी प्रतिनिधि मंडल गुरुवार दोपहर 12 बजे खरगोन पहुंचा। दल में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, विजय लक्ष्मी साधौ, बाला बच्चन, मुकेश नायक, गजेन्द्र राजूखेड़ी सहित अन्य कांग्रेसी शामिल थे।
दल सबसे पहले खरगोन दंगे में घायल शिवम के परिवार से मिलने पहुंचा। इसके बाद कांग्रेसियों ने भावसार मोहल्ला, तवड़ी, संजय नगर सहित गौशाला मार्ग का भ्रमण किया। दल जब यहां पहुंचा तो उन्हें रहवासियों के गुस्से का सामना करना पड़ा। रहवासी इस कदर गुस्से में थे कि वे विजयलक्ष्मी साधौ की बात सुनने को तैयार ही नहीं थे। इसी के साथ रहवासी उन्हें वापस लौटने का कह रहे थे। एक व्यक्ति तो यह कहते हुए सुनाई दिया कि पहले आतंकवादी बनवाओ…फिर लोगों का घर जलवाओ, अब आप लोगों का यही काम रह गया है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार को शर्म आनी चाहिए
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि हम तमाम मोहल्लों में घूमे। घर-घर जाकर पीड़ितों से मिले। उनका कहना है कि हम खतरे में हैं। कई महिलाओं ने घरों के बाहर लिख दिया है कि मकान बेचना है। शिवराज सरकार और यहां के प्रशासन को शर्म आनी चाहिए। दंगे के इतने दिन बाद भी सरकार और प्रशासन लोगों का विश्वास नहीं जीत पाई। खरगोन के लोग डरे हुए हैं। वहां हमें एक महिला मिली, जिसकी चार बच्चियां हैं। उसने बताया कि शासन ने हमें कुछ नहीं दिया। विधायक ने 10 हजार रुपए दिए हैं। मैंने उससे कहा कि बेटा हम लोग यहां आए ही मदद करने के लिए हैं। तू चिंता मत कर, हम तुम्हारी मदद करेंगे। जिन्होंने हमारा विरोध किया, वह ट्रैंड लोग हैं। ये लोग उस पार्टी के हैं, दंगा जिस पार्टी का एजेंडा है। हमने वहां मौजूद नगर पालिका के कर्मचारियों से बात की, जो महिला मुंह पर कपड़ा बांध कर आई थी। वह दुर्गा वाहिनी की कार्यकर्ता है। ये लोग चाहते हैं कि अशांति फैली रहे, लोग परेशान रहें। हिंदू-मुस्लिम और मंदिर-मस्जिद में इस देश को बांटकर ही ये लोग राजनीति करते हैं।

Related posts

नक्सलवाद पर शिकंजा कसने भोपाल में बनेगी रणनीति!

desrag

चंबल की धरती अतिथि देवो भवः उपासक

desrag

कहीं ख़ुशी कहीं ग़मः रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच फंसे मध्य प्रदेश के बच्चों के परिवारों का दर्द

desrag

Leave a Comment