ग्वालियर(देसराग)। मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस भी मिशन 2023 के मूड में आ गई है। इसकी शुरुआत 7 मई को ग्वालियर-चंबल अंचल से होने वाली है। ग्वालियर में कांग्रेस पार्टी की एक अहम बैठक होने वाली है। बैठक में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और नेता प्रतिपक्ष डाक्टर गोविन्द सिंह सहित कांग्रेस के कई कद्दावर नेता शामिल होने वाले हैं। बताया यह भी जा रहा है कि सिंधिया के गृह नगर ग्वालियर से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार होगी। इसके साथ ही ग्वालियर-चंबल अंचल में हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं को एकजुट किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और डॉ.गोविंद सिंह के पास रहेगी।
मध्यप्रदेश में आगामी साल में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस इस समय एक्शन मोड में है और यही वजह है कि अबकी बार दोनों ही पार्टियां जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही हैं। इस समय ग्वालियर-चंबल अंचल में कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेताओं का दौरा शुरू हो गया है। शादी समारोह के बहाने रोज कांग्रेस के कई बड़े दिग्गज नेता अंचल में शिरकत कर रहे हैं। कांग्रेस नेता लगातार अपने कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रणनीति तैयार कर रहे हैं।
ग्वालियर-चंबल अंचल में कांग्रेस की रणनीति तैयार होने का उद्देश्य है कि कांग्रेस के टारगेट पर सिर्फ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया। कांग्रेस को उन्हीं से बदला लेना है। ग्वालियर-चंबल अंचल में कांग्रेस की रणनीति और आत्ममंथन को लेकर कांग्रेस पार्टी का कहना है कि अभी हाल में ही कांग्रेस पार्टी की बड़ी बैठक होने वाली है, जिसमे प्रदेश स्तर के सभी कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता शामिल होंगे और इस बैठक में मंथन किया जाएगा। इसके साथ ही आगामी चुनाव के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।
वहीं भाजपा कांग्रेस की इस रणनीति को लेकर पलटवार कर रही है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस पार्टी की रणनीति नहीं, बल्कि अपने अपने बेटों और गुटों को स्थापित करने की रणनीति है। कांग्रेस में दिग्विजय सिंह और कमलनाथ अपने बेटों को स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं। यही वजह है कि इन गुटों की वजह से कांग्रेस अबकी बार फिर पूरे प्रदेश के समाप्त होगी।
क्यों अहम है ग्वालियर चंबल-अंचल?
मिशन 2023 के लिए ग्वालियर-चंबल अंचल बहुत ही अहम माना जा रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी दूर करने के लिए लगातार बैठकों का दौर जारी है। इसके साथ ही ग्वालियर-चंबल अंचल में 34 सीटें हैं और पिछली बार यहां से कांग्रेस पार्टी ने 26 सीटें जीतकर जनता का भरोसा जीता था। उस समय कांग्रेस पार्टी के साथ ग्वालियर-चंबल अंचल में कद्दावर नेता के रूप में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया थे। वही इस अंचल की कमान संभालते थे, सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद उनकी जगह अभी भी खाली पड़ी हुई है। सिंधिया की जगह भरने के लिए और उनसे बदला लेने के लिए कांग्रेस पार्टी की नजर अब ग्वालियर-चंबल अंचल पर है।