सोमेश्वर सिंह
अप्रैल के आखिरी सप्ताह में इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत यात्रा पर आए थे। उन्होंने गुजरात के साबरमती आश्रम में गांधीजी का चरखा चलाकर दौरे की शुरुआत की और दिल्ली में बापू के समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करके समापन किया। बीच में इंग्लैंड की कंपनी जेसीबी एक्सावेटर्स लिमिटेड द्वारा निर्मित बुलडोजर में सवारी की और सेल्फी भी खिंचाई। क्या गजब का कॉन्बिनेशन है। यही बोरिस जॉनसन 2012 में यूपीए सरकार के जमाने में जब मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री थे। भारत यात्रा पर आए थे। तब वे मात्र लंदन के मेयर थे। और उन्होंने दिल्ली के इंडिया गेट में साइकिल चलायी थी। जॉनसन के दोनों भारत दौरे के फर्क को समझने की जरूरत है। भारत तब भी था अब भी है। सरकार तब भी थी अब भी है। प्रधानमंत्री तब भी थे अब भी हैं। तब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे अब नरेंद्र मोदी हैं।
दरअसल जेसीबी इंग्लैंड की कंपनी है। जिसकी स्थापना 1945 में हुई थी। इसने 1953 में पहला बैकहो डोजर बनाया था। जिसे भारत में बुलडोजर कहा जाता है। अभी तक भारत में बुलडोजर का उपयोग सृजन के लिए होता था। मोदी जी के जमाने में उसे विध्वंस का प्रतीक बना दिया गया है। बुलडोजर का पहले रंग नीला और लाल हुआ करता था। 1964 में इसे अपग्रेड करके इसका रंग पीला कर दिया गया। संभावना है कि मोदी जी भविष्य में भारत में बुलडोजर का रंग भगवा कर दें। इस रंग रूप के खेल में मुझे कबीर याद आते हैं उन्होंने ठीक ही कहा था-
मन ना रंगाए, रंगाए जोगी कपड़ा।
दढ़िया बढ़ाए, जोगी बन गए बकरा।।
दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक दूसरे के सम्मान में कसीदे पढ़े। बोरिस जॉनसन ने कहा- “भारत दुनिया भर के निरंकुश देशों में बहुत अलग देश है। ये एक शानदार लोकतंत्र है। मैंने भी भारतीय वैक्सीन लगवाई है”। जवाब में मोदी जी ने कहा- “यह आजादी का अमृत महोत्सव है। इस दौरान बोरिस जॉनसन की यात्रा ऐतिहासिक है”। यह सुनकर मुझे हंसी आ गई। बघेली में एक कहावत है- “अपने चाटे गोराय”। अभी तक परंपरा रही है कि जब भी कोई विदेशी प्रधानमंत्री भारत यात्रा पर आता है तो वह सरकार के साथ ही अन्य प्रमुख विपक्षी दल के नेताओं से भी मिलता है। बोरिस जॉनसन ने ऐसा तो नहीं किया। अलबत्ता मोदी जी के उद्योगपति मित्र अडानी से जरूर मिले।
यह चरखा भारतीयों के स्वदेशी आंदोलन, स्वाभिमान और स्वतंत्रता का प्रतीक है। इसी चरखे को चलाकर महात्मा गांधी ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद को भारत की धरती में जमींदोज कर दिया था। दुर्भाग्य से मोदी जी ने आजादी के अमृत महोत्सव काल में हिंदुस्तान के करोड़ों नौजवानों को बेरोजगार करके चरखा चलाने योग्य बना दिया है। तथा अंग्रेजों का बुलडोजर लेकर गरीबों का घर जमींदोज कर रहे हैं। इसी तरह हिंदू राष्ट्र के रास्ते में जो भी राष्ट्रदोही बाधक बनेगा उसकी समाधि बना दी जाएगी। बापू के चरखा और समाधि के मिशन को मोदी जी पूरा कर रहे हैं। सही मायने में वहीं राष्ट्रभक्त हैं। बाकी महात्मा गांधी की संतान कांग्रेसी राष्ट्रदोही।
बोरिस जॉनसन भारत यात्रा के बाद जब स्वदेश लौटे तो वहां के विपक्षी दल ने भारत यात्रा में उनके आचरण की घोर निंदा की। ब्रिटेन की संसद में जमकर विरोध हुआ। जानसन के इस्तीफे की मांग की। तथा आरोप लगाया बोरिस जॉनसन भारत के मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के सवाल पर डर गए और कुछ नहीं बोला। ब्रिटेन में लोकतंत्र परिपक्व है। आज भी जिंदा है। लेकिन हमारे भारत में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। कोरोना संक्रमण काल के लॉकडाउन में दोनों देश के प्रधान मंत्रियों में साम्यता थी। इधर भारत में मोदी जी ताली और थाली बजवा रहे थे। उधर इंग्लैंड में बोरिस जॉनसन डाउन स्ट्रीट स्थित प्रधानमंत्री आवास पर शराब पार्टी दे रहे थे।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)