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Monday, Mar 27, 2023
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असंवैधानिक अध्यादेश से अटके पंचायत चुनाव

तन्खा ने मध्य प्रदेश सरकार पर उठाए सवाल
भोपाल(देसराग)। पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण को लेकर 10 मई को अगली सुनवाई की जानी है। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से इन चुनावों में ओबीसी को 35 फीसदी आरक्षण देने की अनुशंसा की गई है, जिससे लगातार चुनाव में देरी हो रही है। इस मामले में देरी होने पर कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने मध्य प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
तन्खा ने ट्वीट करते हुए हुए लिखा की यदि मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में 2 साल का विलंब कानूनी दृष्टि से असहनीय है।ै सर्वोच्च न्यायालय इस विषय पर 10 मई को फैसला सुनाएगा। महाराष्ट्र की नजीर आ चुकी है यदि ओबीसी या किसी भी वर्ग का नुकसान होता है तो इस विलंब के लिए राज्य सरकार ही गुनहगार मानी जाएगी। तन्खा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि शिवराज सरकार न असंवैधानिक अध्यादेश लाती ना कोई कोर्ट जाता जिससे ना सर्वोच्च न्यायालय का हस्तक्षेप होता। छत्तीसगढ़ में पंचायती और नगरीय निकाय चुनाव निपट गए वैसे मध्य प्रदेश में भी हो जाती। अच्छे और खराब सलाहकार पर सरकार की सोच निर्भर।
आयोग की तरफ से की गई अनुशसाएं
राज्य सरकार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के सभी स्तरों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कम से कम 35 प्रतिशत स्थान आरक्षित करें। राज्य सरकार नगरीय निकाय चुनाव के सभी स्तरों में अन्य पिछड़ावर्ग के लिए कम से कम 35 प्रतिशत स्थान आरक्षित करें। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण सुनिश्चित किए जाने के लिए संविधान में संशोधन करने के लिए राज्य सरकार की ओर से भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जाए। राज्य सरकार जनसंख्या के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग बाहुल्य जिला और ब्लॉक को अन्य पिछड़ावर्ग बाहुल्य क्षेत्र घोषित किया जाए और उन क्षेत्रों में विकास की विभिन्न योजना लागू की जाए।

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