भोपाल(देसराग)। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 50 लाख से अधिक सदस्य बनाए जाने का दावा खोखला साबित हुआ है। प्रदेश में 6 महीने से अधिक समय तक चले सदस्यता अभियान में कांग्रेस के 26 लाख07हजार सदस्य बन पाए हैं, जो कि पिछले 2017 के अभियान से 9 लाख सात हजार ज्यादा हैं, हालांकि कांग्रेस ने सदस्यों की सदस्य संख्या दोगुना करने का भी दावा किया गया था, लेकिन इसमें भी फिलहाल फिसड्डी ही साबित हुए हैं।
1 लाख 07 हजार सदस्य डिजिटली जुड़े
मध्यप्रदेश में कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण के निर्वाचन अधिकारी आरसी खुँटिया ने बताया कि कांग्रेस सदस्यता अभियान में 15 अप्रैल तक 26 लाख 07 हजार सदस्य बने हैं। इनमें से 25लाख सदस्य रसीद के जरिए और 1लाख 07 हजार सदस्य डिजिटली कांग्रेस के साथ जुड़े हैं। अभी स्क्रूटनी का काम किया जा रहा है, लिहाजा सदस्यों की संख्या में इजाफा भी हो सकता है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी दफ्तर में संगठन चुनाव को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक हुई। इस दौरान जिला चुनाव अधिकारियों को चुनाव कराने संबंधी प्रशिक्षण भी दिया गया। पदाधिकारी 5 दिनों तक जिलों में रहेंगे और उसके बाद 15 मई तक संगठन चुनाव की वोटर लिस्ट का प्रकाशन किया जाएगा।
सदस्य चुनाव प्रक्रिया में ले सकेंगे हिस्सा
चुनाव प्राधिकरण के निर्वाचन अधिकारी आरसी खुँटिया ने बताया कि मध्यप्रदेश में जिन लोगों ने 15 अप्रैल तक कांग्रेस की सदस्यता ली है, उन्हें ही संगठन चुनाव की प्रक्रिया में हिस्सा लेने मिलेगा। खुँटिया ने बताया कि मध्यप्रदेश में 489 ब्लॉक के लिए चुनाव होंगे। चुनाव में नामांकन के लिए 100 रुपये फीस देना होगी।
20 से 30 मई तक बूथ कमेटी के चुनाव
मध्यप्रदेश में 15 मई को कांग्रेस संगठन चुनाव मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद 20 से 30 मई तक हर ब्लॉक में बूथ कमेटी के चुनाव होंगे, इसके बाद 10 जून तक ब्लॉक कमेटी का निर्वाचन किया जाएगा। कमलनाथ ने 50लाख बनाने का दावा किया था। मध्यप्रदेश में 1 नवंबर 2021 को कांग्रेस के सदस्यता अभियान शुभारंभ अवसर पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में 50 लाख कांग्रेस के सदस्य बनाए जाने का दावा किया था, लेकिन करीब साढे 6 महीने चले कांग्रेस सदस्यता अभियान मे अब तक 26 लाख 7 हजार सदस्य बन पाए हैं। सदस्यता अभियान के साथ ही कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में मेंबरशिप बढ़ाने को लेकर घर चलो घर-घर चलो अभियान भी समानांतर रूप से शुरू किया था। इसके बावजूद कांग्रेस का टारगेट पूरा नहीं हो पाया।
previous post