भोपाल(देसराग)। ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद भले ही भाजपा के रंग में रच-बस गए हैं। लेकिन उनके समर्थक मंत्री और नेता तमाम प्रयासों के बाद भी मूल रूप से भाजपाई कार्यकर्ताओं के साथ चलने को तैयार नही दिख रहे हैं, यही वजह है की बीते रोज करीब दस घटें तक चली जिलों की कोर कमेटी की बैठक में ग्वालियर-चंबल अंचल के गद्दारों की शिकायतें जमकर हुई।
इससे यह तो तय हो गया है की भले ही कांग्रेस के यह गद्दार सरकार से लेकर संगठन तक की आंखों के तारे बन चुके हों, लेकिन अब भी वे पार्टी के मैदानी स्तर पर मोर्चा सम्हालने वाले कार्यकर्ताओं की दिल में जगह नहीं बना पाए हैं। कांग्रेस व भाजपा में काम करने की शैली अलग है। कांग्रेसी से भाजपाई बनने वाले नेता अब भी भाजपा की कार्यशैली में ढलने को तैयार नही है। यही वजह है रही कि लगातार दूसरे दिन हुई 12 जिलों की कोर कमेटी की अलग- अलग बैठकों में समन्वय की कमी और जनप्रतिनिधियों के व्यवहार का मुद्दा ही छाया रहा। यही नहीं कई नेताओं ने अफसरों द्वारा उनकी बात को तवज्जो नहीं दिए जाने का भी मामला उठाया।
ग्वालियर-चंबल अंचल के जिलों की बैठकों में सिंधिया समर्थक मंत्रियों की संगठन से बेहतर तालमेल न होने व महत्व नहीं देने के अलावा संगठन के कार्यक्रम में भी औपचारिकता निभाने के अलावा संगठन नेताओं से ज्यादा उनके द्वारा अपने समर्थक कार्यकर्ताओं को महत्व देने की शिकायतें लगभग हर जिले से की गई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि ‘इनके-उनके’ अब नहीं चलना चाहिए। अगर प्रभारी मंत्री या विभागीय मंत्री दौरे पर आए तो चुनिंदा चेहरों की बजाय सभी से मिलें। यही नहीं जिला कोर कमेटी के नेताओं ने तो यहां तक कह दिया की इसकी वजह से चुनाव के समय दिक्कत आएगी। इसके बाद प्रदेश कोर कमेटी के नेताओं ने समन्वय से काम करने पर जोर देते हुए कहा कि फैसले सामूहिक रूप से चर्चा करने के बाद ही लिए जाएं।
गौरतलब है कि दिल्ली में संघ के साथ समन्वय बैठक के बाद भाजपा की प्रदेश कोर कमेटी जिले की प्रबंध समितियों के सदस्यों से अलग अलग चर्चा कर रही है ताकि विधानसभा के पहले समन्वय बन सके और संगठन चाक चौबंद हो। दूसरे दिन बैठक की शुरूआत ग्वालियर से की गई। जिसमें पहले नगर और फिर ग्रामीण की अलग-अलग बैठकें हुई। इसके बाद शिवपुरी, गुना, अशोकनगर और श्योपुर जिले के कोर कमेटी के सदस्यों से बात की गई। बैठक में इन जिलों में जिन सीटों पर चुनाव हारे थे, उनमें किस तरह नए सिरे से तैयारी की जाए इस पर भी चर्चा की गई। इसके अलावा कांग्रेस की किस सीट पर क्या स्थिति है इस पर भी फीडबैक लिया गया। जिन सीटों पर पिछले चुनाव और उपचुनावों में जीत मिली थी उनमें अब क्या स्थिति है और कहां किस प्रकार की कमजोरी है इस पर भी विचार किया गया।
लंच के बाद रतलाम, जबलपुर शहर, शाजापुर, आगर,, रायसेन और विदिशा जिले की कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश अध्यक्ष बी डी शर्मा, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद मौजूद थे।
जिला कोर कमेटी को बनाया जाएगा ताकतवर
बैठक में संगठन के सभी बड़े नेताओं ने कहा की जिलों की कोर कमेटी को और मजबूत बनाया जाएगा। जिलाध्यक्ष अकेले फैसले नहीं लेंगे। कोई भी निर्णय करने से पहले उन्हें मामला कोर कमेटी के संज्ञान में लाना होगा। प्रदेश के आला नेताओं ने कोर कमेटी सदस्यों से कहा कि आपको जो संसाधन चाहिए, हमें बताएं पर चुनाव में हमें हर कीमत पर जीत चाहिए। इसके लिए मैदानी जमावट आपको करनी है। शिवप्रकाश और मुरलीधर राव ने जिला कोर कमेटियों के सदस्यों से कहा कि संगठन सबसे पहले है लिहाजा कोई भी नेता किसी पद पर हो सबसे पहले उसे संगठन के कार्यक्रम को समय देना होगा। जनप्रतिनिधियों के संगठन के कार्यक्रमों में रस्म अदायगी से जुड़ी शिकायतों को भी गंभीरता से लेते हुए कहा गया कि अब यह नहीं होगा।
कांग्रेस व आप की सक्रियता की दिखी चिंता
भाजपा में दो दिन में 21 घंटे चली मैराथन बैठकों में ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस की सक्रियता और आम आदमी पार्टी द्वारा की जा रही गुपचुप घुसपैठ पर भी बेचैनी देखी गई। इसे मिशन 2023 में चिंताजनक बताया है। बताया गया कि चंबल में दलितों के बीच आप चुपचाप काम कर रही है। यही वो वर्ग है जिसकी वजह से बीते चुनाव में इस अंचल में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। एक मंत्री ने मंडल अध्यक्षों को अनुशासनहीनता के नोटिस पर ऐतराज जताया और कहा कि छोटे कार्यकर्ताओं को सीधे नोटिस नहीं दें। इस दौरान ग्वालियर में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह की सक्रियता पर चर्चा हुई। जमीनी नेताओं ने कहा कांग्रेस के नेता लगातार सक्रिय है। उपचुनाव में मुरैना, भिंड और ग्वालियर लश्कर जैसी सीटें पार्टी हार गई थी। खास बात यह है की इस दौरान सिंधिया समर्थक एक मंत्री तो बैठक में ही हाथ जोड़कर खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि मुझसे कोई नाराजगी हो तो बताए।
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