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Sunday, Mar 26, 2023
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राजनीति

पीताम्बरा माई के दर से होगा कांग्रेस का चुनावी शंखनाद

भोपाल(देसराग)। कांग्रेस ने श्रीमंत के गढ़ में बैठक कर प्रदेश में चुनावी राणनीति के तहत पार्टी नेताओं के साथ करीब साढ़े चार घंटे तक मंथन किया। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री और इस अंचल के पार्टी प्रभारी दिग्विजय सिंह ने भाजपा को उखाड़ फेंकने के लिए दतिया से चुनावी शंखनाद करने का ऐलान किया है। खास बात यह है कि पूरी बैठक में मंथन के दौरान सिर्फ इसी बात पर ही विचार विमर्श किया जाता रहा की श्रीमंत की घेराबंदी किस तरह से की जाए। जिसमें पार्टी में गुटबाजी से लेकर जनता के मुद्दों को प्रदेश में किस तरह से उठाया जाए और नए मुद्दे कैसे तैयार किए जाएं उसकी रणनीति बनाने पर भी बात की गई।
दरअसल कांग्रेस संगठन को मजबूत करने और चुनावी रणनीति तैयार करने संभाग स्तर पर बैठक कर रही है। इसकी शुरूआत कांग्रेस ने ग्वालियर-चंबल संभाग से की है। दरअसल ग्वालियर-चंबल अंचल के कार्यकर्ताओं को एकजुट कर उन्हें सक्रिय करने की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह के पास है। इस मंथन बैठक में आठ जिलों के अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष, मौजूदा विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी और कांग्रेस से जुड़े एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस और सेवा दल के पदाधिकारियों के अलावा जयवर्धन सिंह समेत कई दिग्गज मौजूद थे। इस बार चुनाव जीतने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां पूरी ताकत झोंक रही हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी इस तरह की बैठक सभी संभागों में करेगी। इसके बाद जिला स्तर पर भी बैठकें शुरू की जाएंगी।
इस बैठक को कांग्रेस द्वारा इस अंचल की 34 विधानसभा सीटों पर पकड़ मजबूत करने तैयारी के रुप में देखा जा रहा है। बीते चुनाव में कांग्रेस ने अंचल में 26 सीटें जीती थीं, जिसके बाद भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि उस समय श्रीमंत कांग्रेस के साथ थे। अब श्रीमंत कांग्रेस के लिए चुनौती बने हुए हैं। कांग्रेस बैठक के माध्यम से संगठन को एकजुट कर सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ माहौल बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। इस दौरान उन्होंने कहा की प्रदेश की जनता महंगाई से त्रस्त है, बेरोजगारी सिर चढ़कर बोल रही है और न्यायपालिका की मंजूरी के बिना लोगों के मकान जमींदोज किए जा रहे हैं। सरकार को घेरने के लिए ये काफी हैं। इस दौरान दिग्विजय सिंह ने श्रीमंत को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि वे उनके लिए कोई चुनौती नहीं है। हमें भाजपा की सांप्रदायिक विचारधारा को घेरना है। एक पोस्टर में सिंधिया को कमलनाथ की पीठ में छोरा ठोकते हुए दिखाए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने टिप्पणी करते हुए कहा की इस तरह के पोस्टर भाजपा विचारधारा से पोषित है कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का चेहरा देखकर सरकार झूठे मुकदमें दायर कर रही है। ऐसे मामलों के लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने एक कमेटी बनाई है। यह कमेटी ऐसे लोगों के साथ खड़े होकर सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने कहा कि दतिया में सबसे ज्यादा 100 ऐसे लोगों पर कार्रवाई हुई है। यहां पर जल्द ही एक आम सभा आयोजित कर आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता की आवाज को बुलंद करने के लिए जनता के बीच भी जाएंगे। कांग्रेस की विचारधारा सभी धर्मों के लोगों को साथ लेकर चलने की है।
बरैया का बड़ा दावा
पूर्व विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा प्रदेश में दलित पिछड़ा वर्ग और मुसलमान भाजपा को वोट नहीं करेंगे। भाजपा के पास सिर्फ 50 सीटें आएंगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो फूल सिंह राजभवन के सामने अपना मुंह स्वयं काला करेगा।
ग्वालियर-चंबल पर नजर की वजह
गौरतलब है कि भोपाल में सत्ता पाने का रास्ता ग्वालियर से होकर गुजरता है। 2018 में ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस का दबदबा रहा और वह सरकार बनाने में कामयाब रही। 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने ग्वालियर चंबल अंचल के आठ जिलों में 34 में से 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2020 में जब कांग्रेस की सरकार गई उसमें भी इसी अंचल का महत्वपूर्ण योगदान था। यही वजह है कि दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए ग्वालियर-चंबल संभाग बेहद महत्वपूर्ण है। कांग्रेस श्रीमंत को घर में ही घेरने की कोशिश करने में जुटी है, ताकि 2018 के परिणामों को दोहराया जा सके।

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