ग्वालियर(देसराग)। पिछड़ा वर्ग आरक्षण मामले में राजनीति कम होने का नाम नहीं ले रही है। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर हलचल मची हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिल्ली में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के साथ मीटिंग भी कर चुके हैं। ग्वालियर में पिछड़ा वर्ग की राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक में 21 मई को मध्यप्रदेश बंद करने का फैसला लिया गया है।
पिछड़ा वर्ग महासभा की इस बैठक में दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष वीसी बघेल भी शामिल रहे। राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक के बाद महासभा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्षों ने लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अदालत में जज कोलोजियम सिस्टम से बैठे हैं जो कुठाराघात कर रहे हैं, जबकि पिछड़ा वर्ग का आरक्षण पूरी तरह से खत्म हो गया है।
कांग्रेस और भाजपा अभी भी कह रही है कि वो पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधियों को टिकट देंगे। महासभा के नेताओं ने सवाल किया कि आखिर पार्टियां पंच-सरपंच को कैसे टिकट देंगी। अगर भाजपा-कांग्रेस पिछड़ा वर्ग को असल में प्रतिनिधित्व देना है तो लोकसभा में कानून बनाकर संवैधानिक दर्जा दें। पिछड़ा वर्ग महासभा नेताओं ने मौजूदा केंद्र और प्रदेश की सरकारों पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र में मोदी और प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नाम पर वोट दिया था। आखिर यह डबल इंजन की सरकार पिछड़ा वर्ग महासभा को आरक्षण दिलवाने में कहां फेल हो गई।
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