उदयपुर से डॉ.प्रमोद कुमार
उदयपुर के नव चेतना चिंतन शिविर से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जो संदेश दिया है, उसके गहरे निहितार्थ हैं। चिंतन शिविर का पहला दिन कांग्रेस के प्रदेश कि अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संबोधन के साथ शुरू हुआ। समापन सोनिया गांधी के उद्बोधन के साथ संपन्न हुआ जिसमें उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया की पार्टी ने हम सबको बहुत कुछ दिया है अब बारी है कर्ज उतारने की। तो पार्टी को मजबूत करने के लिए हम सबको प्राण पण से जुड़ना होगा।
उन्होंने देश हित में एक तरफ कांग्रेस को मजबूत करने की जरूरत बताई तो वहीं दूसरी तरफ फासिस्टवादी ताकतों से बचाने के लिए कांग्रेस को सत्ता में लाने का आह्वान किया। संगठन में एकता और समाज के सभी वर्गों का समावेश करने के साथ ही पार्टी में अनुभव एवं युवा जोश का संतुलन बनाने पर जोर दिया। 3 दिन तक चलने वाले इस महामंथन में निश्चित तौर पर कांग्रेस को नई राह मिलेगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस में त्याग और बलिदान देने वाले नेताओं का इतिहास भरा पड़ा है। गांधी जी के सिद्धांतों वाली पार्टी जिसे पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल, इंदिरा गांधी जैसे नेताओं ने सींचा। 70 साल के इतिहास में पार्टी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कांग्रेस ने राजस्थान में सूचना का अधिकार, मनरेगा, खाद्य वितरण प्रणाली, युवाओं को रोजगार देने संबंधी कई कल्याणकारी योजनाओं को उतारकर जरूरतमंदों के लिए मिसाल कायम की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिविर में आए नेताओं व कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को फासिस्टवादी ताकतें आज सलाह है और सीख दे रही हैं। कांग्रेस मुक्त भारत की बात की जा रही है। 8 साल के शासन में मुद्रास्फीति तेजी से बढ़ रही है। बेरोजगारी का विस्फोट हो रहा है। समाज की एकजुटता समाज को आपस में बांट कर क्षत-विक्षत की जा रही है। मीडिया की स्वतंत्रता छीन ली गई है। नाकामियों को छुपाने के लिए कहीं पर बुलडोजर तो कहीं पर लाउडस्पीकर विवाद खड़े किए जा रहे हैं ताकि जनता के असली मुद्दों को भटका या जा सके।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में एकजुटता और समर्पण के संकल्प के साथ पार्टी को मजबूत करने का दम भरा।