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Tuesday, Mar 28, 2023
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नौकरशाहों पर भारी पड़ रहीं नौ लाख शिकायतें?

भोपाल(देसराग)। सरकार भले ही सुशासन के कितने दावे करे, लेकिन नौकरशाह उसको पलीता लगाने में पीछे नहीं रहना चाहते हैं। हालात यह हैं की राजस्व मामलों में लगातार शिकायतें बढ़ती जा रही हैं, जिससे उनका आंकड़ा नौ लाख को पार कर गया है। इसकी वड़ी वजह है नौकरशाहों द्वारा मैदानी इलाकों से दूरी बनाया जाना। इसकी वजह से कहीं कोई पीएम किसान सम्मान निधि के लिए चक्कर लगा रहा है तो वहीं किसी जिले में राजस्व विभाग का पोर्टल पिछले कई दिनों से ठप पड़ा हुआ है, जिससे लोग अपनी शिकायत का स्टेटस तक नहीं देख पा रहे हैं।
विभाग को बीते हफ्ते पोर्टल से खुलासा हुआ है, प्रदेश में अब तक नामांतरण, सीमांकन और बंटवारा सहित दो दर्जन से ज्यादा मामलों में लंबित शिकायतों की संख्या 9 लाख तक पहुंच चुकी है। इसके पीछे नौकरशाहों का तर्क कोरोना की वजह है। उधर, इस मामले में आमजन का कहना है की नौकरशाहों द्वारा लंबे समय से मैदानी स्तर पर दौरे बंद कर दिए गए हैँ और विभाग की समीक्षा भी कम कर दी गई है। उधर, पटवारी भी बार-बार हड़ताल पर गए हैं, जिसकी वजह से इस तरह की स्थिति बनी है। अब सब कुछ ठीक है, लेकिन भीषण गर्मी पड़ रही है, लिहाजा नौकरशाहों ने मैदानी दौरों से दूरी बना ली है।
गौरतलब है की राजस्व संबंधी पेंडिंग मामलों के निराकरण के लिए तत्कालीन मुख्य सचिव बीपी सिंह द्वारा संभागीय स्तर तक समीक्षा बैठकें की गई थीं, जिसकी वजह से उस समय इस तरह के लंबित मामलों की संख्या कम होकर दो लाख तक आ गई थी। उस समय रीवा संभाग में सर्वाधिक मामले लंबित होने से एक और अपर आयुक्त तक पदस्थ कर दिया गया था। लगातार की गई समीक्षा से प्रदेश में उस समय लंबित राजस्व प्रकरणों की संख्या में पांच लाख तक की कमी आयी थी।
किन मामलों की बढ़ रही है पेंडेंसी
जिन मामलों की पेंडेंसी बढ़ रही है, उनमें बीपीएल कार्ड, नामांतरण, किसान समान निधि, निजी एवं शासकीय भूमि पर अतिक्रमण, भूमि का सीमांकन, खसरे की नकल, आपदा राशि, भू अर्जन का मुआवजा नहीं, बंटवारा उपरांत नक्शा नहीं मिलना, पट्टा नहीं मिला, खसरा खतौनी नकल में देरी, भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका, नक्शा सुधार आदि शामिल हैं।
यह है विभाग का तर्क
विभाग का दावा है कि पोर्टल में डेटा अपडेट का काम चल रहा है। इसे और पारदर्शी बनाया जा रहा है। इस वजह से अलग-अलग जगहों के डेटा अपडेट किए जा रहे हैं। पेंडिंग मामलों के निराकरण में और तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। 9 लाख शिकायतों की पेंडेंसी इसलिए सही नहीं मान सकते क्योंकि पोर्टल में काम चल रहा है।

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