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Sunday, Sep 24, 2023
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तो सामान्य वर्ग के लिए खुल जाएंगे एक सैकड़ा निकायों के दरवाजे?

भोपाल(देसराग)। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित 102 निकायों के दरवाजे अब समान्य वर्ग के लिए खुलना तय है। इसकी वजह है इन पिछड़ा वर्ग की सीटों का अब सामान्य वर्ग में बदला जाना। यह बात अलग है कि खुद को पिछड़ा वर्ग का सबसे बड़ा हितैषी बताने की चाह में भले ही नगरीय निकायों के चुनावों में कांग्रेस और भाजपा बतौर प्रत्याशी भले ही इन सीटों पर पार्टी के टिकट पिछड़ा वर्ग को दे दे।
हालांकि ऐसा करने पर कई जगह दोनों दलों को सामान्य वर्ग के मतदाताओं की नाराजगी का भी शिकार होना पड़ सकता है। कोर्ट के आदेश के आधार पर नगरीय विकास विभाग इसे जल्द ही सामान्य कैटेगरी के लिए आरक्षित करने को नोटिफाई करेगा। विभाग द्वारा ऐसा नहीं किए जाने पर राज्य निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर कलेक्टरों से यहां सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के नामांकन जमा कराकर चुनाव करा सकता है।
दरअसल नगरीय विकास विभाग ने दिसम्बर 2020 में परिसीमन के बाद वार्ड, नगरपालिका व नगर परिषद अध्यक्ष और नगर निगम महापौर पद के लिए आरक्षण करा लिया था। 10 दिसम्बर 2020 को जो नगर निगम पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं उनमें सतना, रतलाम के साथ महिला पिछड़ा वर्ग के लिए भोपाल और खंडवा नगर निगम शामिल हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन चारों ही निगमों में सामान्य वर्ग के लिए दरवाजे खुल गए हैं।
उन नगरपालिकाओं में भी मिलेगा मौका जो नगरपालिका पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं, उनमें सबलगढ़, सिंरोज, शहडोल, पनागर, राघौगढ़, इटारसी, रहली, मंडला, सिवनी, मैहर, मनावर, जुन्नारदेव के नाम हैं। पिछड़ा वर्ग महिला के लिए धार, आष्टा, रायसेन, होशंगाबाद (नर्मदापुरम), छतरपुर, हरदा, मंदसौर, सनावद, श्योपुर कला, ब्यावरा, पांढुर्ना, जावरा और नेपानगर नगरपालिका आरक्षित की गई हैं। इस तरह 25 नगरपालिका पिछड़ा वर्ग कोटे के लिए रिजर्व हैं। अब यह भी सामन्य हो जाएंगे।
ये नगरपरिषदें पिछड़ा वर्ग महिलाओं के लिए हैं आरक्षित
नगर परिषदों में महिलाओं के लिए जो परिषदें आरक्षित हैं, उनमें खिलचीपुर, सोहागपुर, राहतगढ़, मौ, फूफकलां, ईसागढ़, बेटमा, धामनौद, राजगढ़ जिला धार, भीकनगांव, बरघाट, सेमरिया, चुरहट, पिपल्यामंडी, सिराली, शाहपुर बैतूल, भैंसोदा, मगरौनी, रौन, मानपुर, डूमरकछार, बनगवां राजनगर अनूपपुर, सुरखी, मालथौन, बांदरी, केवलारी, छपारा, ठीकरी के नाम हैं। इसके अलावा धरमपुरी, पिपलौदा, बदनावर, बड़ौद, जयसिंहनगर, नलखेड़ा, चांदामेटा बुटारिया छिंदवाड़ा, पिछोर, खुजनेर के नाम हैं। पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित नगर परिषदों में पोलायकलां, छनेरा, कारी ,टीकमगढ़, चाकघाट, आलमपुर, पाटन, बरेली रायसेन, मऊगंज, टोंकखुर्द, शाहपुर सागर, बिलौआ, बिजावर,पथरिया, कटंगी, ओरछा, कोटर, ताल, मल्हारगढ़,राजनगर छतरपुर, मिहोना नगर परिषद शामिल हैं। इस तरह कुल 73 नगरपरिषद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई थीं।
इन निकायों में हो सकते हैं समयपूर्व चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग उन नगर निकायों में भी चुनाव कराए जाने की तैयारी कर रहा है, जिनका कार्यकाल सितंबर 2022 में समाप्त हो रहा है। एक साथ चुनाव कराए जाने से जहां प्रशासनिक मशीनरी की परेशानी बचेगी वहीं राजनैतिक दलों को भी बार-बार निकाय चुनावों का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश में 352 नगरीय निकायों का कार्यकाल 5 फरवरी 2022 को ही पूरा हो चुका है। इसके अलावा 37 निकाय ऐसे हैं, जिनका कार्यकाल अगले चार महीने में समाप्त हो जाएगा। इनमें 14 नगरपालिका परिषद और 23 नगर परिषद शामिल हैं। राज्य निर्वाचन आयोग इन सभी 37 निकायों का चुनाव भी जून 2022 में कराने की तैयारी कर रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त बसंत प्रताप सिंह का स्पष्ट कहना है कि जिन नगर निकायों का कार्यकाल सितंबर 2022 में समाप्त हो रहा है, उनके चुनाव भी साथ ही कराए जाएंगे। इन निकायों में झाबुआ जिले की झाबुआ नगर पालिका के अलावा रानापुर, थांदला, पेटलावद, बैतूल जिले की सारणी, आठनेर, चिचोली , बुरहानपुर जिले की नेपानगर, मंडला: जिले की मंडला और नैनपुर, निवास, बम्हनीबंजर, बिछिया, छिंदवाड़ा जिले की जुन्नारदेव, दुमआ पांढुर्ना, सौसर, सिवनी जिले की लखनादौन , बालाघाट जिले की बैहर, उमरिया जिले की पाली, डिंडोरी जिले की डिंडोरी, शहपुरा, शहडोल जिले की शहडोल नगरपालिका परिषद और जयसिंहनगर, बुढ़ार नगर, खंडवा जिले की छनेरा, अलीराजपुर जिले की आलीराजपुर और जोबट, रतलाम जिले की सैलाना और खरगोन जिले की भीकनगांव, महेश्वर, मंडलेश्वर नगर परिषद शामिल है।

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