भोपाल(देसराग)। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद अब प्रदेश में निकाय व पंचायत चुनाव होना लगभग तय हैं। यही वजह है की सत्तारुढ़ दल भाजपा में इन चुनाव की तैयारियों को लेकर बैठकों का दौर जारी है। बीते रोज सुबह से बैठकों का जो दौर शुरू हुआ वह रात तक जारी रहा। इस बैठक में शामिल आला नेताओं ने तय किया है कि कम से कम 30 फीसदी टिकट पिछड़ा वर्ग को दिए जाएं। पार्टी के टिकट तय करने से पहले एक बार फिर सर्वे कराने का भी तय किया गया है।
इस सर्वे में खरे उतरने वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी द्वारा टिकट दिए जाने में प्राथमिकता दी जाएगी। प्रदेश भाजपा कार्यालय में नगरीय निकाय संचालन समिति की बैठक में यह फैसले लिए गए हैं। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, सह प्रभारी पंकजा मुंडे, प्रदेश अध्यक्ष बी डी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद, नगरीय निकाय चुनाव संचालन समिति के संयोजक उमाशंकर गुप्ता समेत समिति के करीब डेढ़ दर्जन सदस्य मौजूद थे। दरअसल पार्टी द्वारा निकाय चुनावों के लिए करीब ढाई साल पहले एक सर्वे कराया गया था, लेकिन उसके बाद से कई तरह के नए समीकरण बने हैं और राजनीति की दिशा भी बदल चुकी है।
उस समय सर्वे के आधार पर ढाई हजार से ज्यादा संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार की गई थी। बैठक में चुनाव में टिकट के लिए उम्र को लेकर हुई चर्चा में तय किया गया कि अधिकतम टिकट युवाओं को दिए जाएं पर इसमें जीतने की क्षमता का ध्यान रखा जाएगा। जिन सीटों पर युवा जीतने की स्थिति में नहीं होंगे वहां पर उम्र का बंधन शिथिल किया जाएगा।
इसी हफ्ते लग सकती है आचार संहिता
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनावों को लेकर राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भेज दी है। इस रिपोर्ट में नगरीय निकाय चुनाव पहले और पंचायत चुनाव बाद में कराने की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण मामले पर होने वाली सुनवाई में अगर सरकार को राहत नहीं मिलती है तो 24 मई से पहले प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की आचार संहिता लग सकती है। सूत्रों की मानें तो राज्य चुनाव आयोग मान कर चल रहा है कि अब चुनाव तय है। यही वजह है कि उसने चुनावों की पूरी तैयारी कर ली है। कोर्ट के आदेश के बाद सक्रिय हुए आयोग ने पंचायत चुनाव से पहले नगरीय निकाय चुनाव कराने की बात अपनी रिपोर्ट में कही है।
नगरीय निकाय चुनाव दो और पंचायत चुनाव तीन चरणों में सम्पन्न कराए जाएंगे। बताया जा रहा है कि प्रदेश में पुरानी 321 नगरीय निकायों को लेकर आयोग ने तैयारी पूरी कर ली है। वहीं पंचायत चुनाव को लेकर आयोग ने बीस दिन का समय मांगा है। ये चुनाव 2019 की स्थिति में होंगे। इसके साथ ही वोटर लिस्ट को लेकर भी समय मांगा गया है।
बड़े नेताओं की जिम्मेदारी होगी तय
नगरीय चुनाव प्रबंध समिति की बैठक में तय किया गया कि इन चुनावों में बड़े नेताओं की जिम्मेदारी तय की जाएगी। बड़े नेताओं से कहा गया है की वे दौरे शुरु कर दें। इन नेताओं को संभागों का प्रभार दिया जाना भी तय किया गया है। बैठक में तय किया गया है कि प्रभारी मंत्री देखेंगे कि टिकट वितरण में विवाद न हो। इसका जिलों के प्रभारी मंत्री ख्याल रखेंगे और विवाद की स्थिति में सभी पक्षों से चर्चा कर उसका निपटारा करेंगे।
पंचायत चुनाव की कमान भदौरिया, सिसोदिया व पटेल को
पंचायत चुनाव संचालन समिति की बैठक भी इस दौरान की गई, जिसमें तय किया गया की यह चुनाव दलीय आधार पर नहीं होने के बाद भी पार्टी जिला पंचायत और जनपद पंचायत चुनाव में अप्रत्यक्ष रूप से अपने प्रत्याशी उतारेगी। इस दौरान यह प्रयास किया जाएगा कि पार्टी जिस उम्मीदवार का समर्थन करे उसके विरोध में पार्टी के अन्य उम्मीदवार चुनाव में न उतरें इसके अलावा पंचायत चुनाव की कमान सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया और कृषि मंत्री कमल पटेल को सौंपने का भी फैसला किया गया।
विधायकों पर भी दांव लगाया जाएगा
कोर कमेटी की बैठक में तय किया गया कि प्रदेश के सोलह नगर निगमों में जीत के लिए भाजपा बड़े चेहरों पर दांव लगाएगी। इनमें विधायक भी शामिल होंगे। इसके अलावा पार्टी के अन्य नामचीन नामों को भी टिकट दिया जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले भी भाजपा इंदौर में विधायक रहते कैलाश विजयवर्गीय और मालिनी गौड़ को टिकट दे चुकी है।
सिंधिया-तोमर की चलेगी चंबल अंचल में
कोर कमेटी में तय किया गया कि ग्वालियर और चंबल अंचल में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया की सहमति से ही उम्मीदवार तय होंगे। बैठक में यह भी तय किया गया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर कोर कमेटी बैठेगी और आगामी रणनीति पर चर्चा करेगी। उधर, बीते रोज भोपाल आए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएम हाउस जाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इसके बाद वे सीएम के साथ ही बैठक में हिस्सा लेने पार्टी कार्यालय आए। वहीं बैठक के बाद शाम को नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी सीएम से मुलाकात की।
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