नई दिल्ली(देसराग)। राजीव गांधी हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काट रहे एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने के आदेश जारी किए हैं। वह पिछले 30 से भी अधिक वर्षों से जेल में है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर इस मामले में सरकार कोई फैसला नहीं लेगी तो हम उसे रिहा कर देंगे।
सर्वोच्च न्यायालय ने पेरारिवलन की रिहाई के लिए अनुच्छेद 142 के तहत मिले विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया है। इस मामले में दया याचिका राज्यपाल और राष्ट्रपति के बीच लंबित रहने पर सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम उठाया। दरअसल इस मामले में केंद्र ने अपने जवाब में कहा था कि तमिलनाडु के राज्यपाल ने दोषी को रिहा करने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले को राष्ट्रपति को भेजा है जो कि दया याचिका पर निर्णय लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं। न्यायालय ने केंद्र की इस जगह पर हैरानी जाहिर की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब जेल में कम समय की सजा काटने वाले लोगों को रिहा किया जा रहा है तो केंद्र उसे रिहा करने पर सहमत क्यों नहीं हो सकता। जस्टिस एल एन राव और जस्टिस बी आर गवई की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के नटराज से कहा कि वह एक सप्ताह में उचित निर्देश प्राप्त करें वरना वह पेरारिवलन की दलील को स्वीकार कर अदालत के पहले के फैसले के अनुरूप उसे रिहा कर देगा।
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