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Thursday, Dec 7, 2023
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पदोन्नति तो दूर की बात ग्रेडेशन सूची तक जारी नहीं की गई

भोपाल(देसराग)। भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को समय से पहले पदोन्नति देने वाला मध्य प्रदेश शासन व सरकार उप पुलिस अधीक्षक को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर पदोन्नत करने को तैयार नही है। प्रदेश में यह हाल तब है जबकि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के करीब तीस पद खाली बने हुए हैं।
हद तो यह है कि राज्य पुलिस सेवा के इन पुलिस अधिकारियों की दो साल से पुलिस मुख्यालय द्वारा ग्रेडेशन सूची तक जारी नहीं की गई है। पदोन्नति में की जा रही लगातार देरी की वजह से बीते दो सालों में कई उप पुलिस अधीक्षक जो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बनने की योग्यता रखते थे, बगैर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बने ही सेवानिवृत्त होने का मजबूर हो गए हैं। पदोन्नति के मामले में लगातार की जाने वाली देरी का असर वरिष्ठ उप पुलिस अधीक्षक के कामकाज पर भी पड़ रहा है। पात्र और पद होने के बाद भी पदोन्नति न मिलने की वजह से यह अधिकारी मानसिक रुप से परेशान बताए जा रहे हैं।
दरअसल सरकारी सेवा में आने के बाद पदोन्नति किसी भी अधिकारी और कर्मचारी की हसरत होती है, लेकिन उप पुलिस अधीक्षक स्तर के बहुत सारे अधिकारियों की यह आस पूरी होने का नाम ही नहीं ले रही है। हालात यह हैं की उप पुलिस अधीक्षक से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बनने की राह देखते-देखते अब वे परेशान हो गए हैं। आखिरकार कई तो सेवानिवृत्त हो गए और उप पुलिस अधीक्षक से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नहीं बन पाए। हद तो यह है की उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों की एक अप्रैल 2020 की स्थिति में जारी होने वाली राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की ग्रेडेशन लिस्ट अभी तक जारी नहीं की गई है। मध्यप्रदेश में उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को पदोन्नति देने के लिए चार मई को डीपीसी की गई थी। इस डीपीसी के जरिए एसपीएस कैडर के 2012 बैच के 17 अधिकारियों को पदोन्नति देने की हरीझंडी मिली थी। इनमें से 11 अधिकारी सीधी भर्ती के उप पुलिस अधीक्षक हैं और छह अधिकारी निरीक्षक कैडर से पदोन्नति के जरिए उप पुलिस अधीक्षक बने थे।
पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग के आला अधिकारी चाहते तो 2012 के साथ 2013 बैच के अधिकारियों की डीपीसी भी करा सकते थे, क्योंकि उसके लिए तय नियम भी 2013 बैच के अधिकारियों पर लागू होता है। उप पुलिस अधीक्षक से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उन अधिकारियों को बनाया जाता है, जिनका सर्विस रिकार्ड अच्छा हो और उनकी आठ साल की सेवा उप पुलिस अधीक्षक के तौर पर पूरी हो %

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