भोपाल(देसराग)। शिवराज सिंह चौहान सरकार जब इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लाई थी तो दावा किया गया था कि इससे कानून व्यवस्था बेहतर होगी और नागरिकों को सुरक्षा की गारंटी होगी। मगर हाल के आंकड़े बताते हैं कि बच्चियों और महिलाओं पर होने वाले बलात्कार और यौन उत्पीड़न की घटनाओं में इंदौर पहले और भोपाल दूसरे स्थान पर है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी कर कहा है कि स्वयं गृहमंत्री द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत यह आंकड़े साबित करते हैं कि इन दोनो ही महानगरों में लाई गई पुलिस कमिश्नर प्रणाली फेल हुई है। इस प्रणाली के लागू होने के बाद आम नागरिकों का अनुभव बताता है कि पुलिस की तानाशाही बढ़ी है, आमजन के नागरिक अधिकारों पर हमले हुए हंै।
माकपा नेता ने कहा है कि इन दोनो महानगरों में नागरिकों की असुरक्षा साबित करती है कि भाजपा सरकार ने इस प्रणाली को नागरिकों को सुरक्षा देने के लिए नहीं बल्कि अपनी तानाशाही थोपने के लिए लाया गया था।
जसविंदर सिंह ने कहा है कि यदि सरकार अभी भी जनतंत्र और नागरिकों के अधिकारों के प्रति थोड़ी सी भी संवेदनशील है तो उसे समीक्षा कर पुलिस कमिश्नर प्रणाली को तुरंत वापस लेना चाहिए।