सीतापुर/रामपुर(देसराग)। सपा नेता आजम खान 27 महीने के बाद सीतापुर जेल से रिहा होकर रामपुर अपने आवास पर पहुंचे, जहां लोगों ने जोरदार स्वागत किया। आजम खान ने घर पहुंचने पर मीडिया से बातचीत करते हुए रामपुर की जनता का शुक्रिया अदा किया और साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के दिए गए फैसले का भी स्वागत किया। आजम खान ने सपा मुखिया अखिलेश यादव का नाम लिए बिना कहा कि मेरी तबाही में अपनों का ही हाथ था।
उन्होंने कहा कि ‘इमरजेंसी के समय पौन साल जेल में था। जौहर यूनिवर्सिटी हमेशा बुलंद रहेगी। बाबरी और ज्ञानवापी की सुनवाई में काफी अंतर है। सुप्रीम कोर्ट जिंदाबाद। मेरा मिशन कभी सियासी नहीं था। मैं कई हादसों को जीतकर वापस आया हूं। इंसाफ करने वालों का शुक्रिया करता हूं।’
सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां की रिहाई का आदेश गुरुवार देर रात जिला कारागार पहुंच गया था। 27 महीने बाद वो शुक्रवार को जेल से रिहा हो गये। जेल से निकलते ही समर्थकों से मिलते समय आजम खां भावुक हो गये। उनकी आखें भर आयीं। उनको लेने के लिए प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव और आजम खां के बेटे अदीब आजम और अब्दुल्ला आजम भी सीतापुर जेल पहुंचे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की रिहाई का आदेश 19 मई को ही दे दिया था, लेकिन कोर्ट की सर्टिफाइड कॉपी जेल न पहुंचने के कारण रिहाई में देरी हुई। आजम खां 88 मामलों में पिछले 27 महीने से जेल में बंद थे। वह एक केस में जमानत लेते तो दूसरा केस दायर हो जाता। इसके बाद आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जहां मंगलवार को सुनवाई हुई थी। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट के माध्यम से आजम खां के जमानत पर रिहा होने पर स्वागत किया।
आजम खां के खिलाफ 89 मामले दर्ज
आजम खां के खिलाफ 89 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें 88 मामलों में उनकी पहले ही जमानत हो गई थी। बीते दिनों दर्ज किए गए एक नए मुकदमे में सुनवाई में देरी के चलते सर्वोच्च न्यायालय ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए आजम खां को एक-एक लाख रुपये के बेल बॉन्ड पर अंतरिम जमानत दी थी। आजम खां इस मामले में रेगुलर बेल डाले जाने और उसके निस्तारण तक अंतरिम जमानत पर रहेंगे।