भोपाल(देसराग)। मध्यप्रदेश पंचायत प्रकोष्ठ के प्रादेशिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिस तरह से भाजपा पिछड़ा वर्ग को आरक्षण में ट्रिपल टेस्ट लेकर आई है, हो सकता है अनुसूचित जाति-अनुसचित जनजाति में भी इसी तरह का ट्रिपल टेस्ट लेकर आ जाए। मोहन भागवत पहले ही कह चुके हैं कि आरक्षण व्यवस्था पर पुनर्विचार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा इसे खत्म कराना चाहती है।
पंचायत प्रकोष्ठ बनाने की सलाह
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण को 14 फ़ीसदी पर ले कर आ गई है और उसके बाद भी वह जश्न मना रही है। दिग्गी ने कहा कि हमारी भूमिका पहले दंगल में पहलवान की थी। दांव पेंच लड़ाते थे। अब उस्ताद की भूमिका में हैं। कोई दांव-पेंच सीखना हो तो आ जाना। दिग्विजय सिंह ने कहा कि पंचायत स्तर पर पंचायत प्रकोष्ठ का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर जिले में पंचायत स्तर पर समन्वय के लिए पंचायत प्रकोष्ठ बनाएं, जिससे कांग्रेस के लोग भी ज्यादा जीत कर आएं।
सत्ता का केंद्रीकरण करती है भाजपा
पूर्व सीएम ने कहा कि सबसे बड़ा संकट आता है खरीद-फरोख्त का, उससे कैसे निपटें, इस पर भी विचार करें। भाजपा पर निशाना साधते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा में मूल अंतर यही है कि कांग्रेस हमेशा सत्ता के विकेंद्रीकरण की बात करती है, जबकि भाजपा सत्ता का केंद्रीकरण करती है। आज पूरा तंत्र शासकीय अधिकारियों के भरोसे चल रहा है। पंच, सरपंच का चुनाव नहीं हुआ। भाजपा की सरकार में व्यापमं के नाम पर भ्रष्टाचार हुआ। ऑनलाइन परीक्षा फ़्रॉड है। जब-जब भाजपा आती है भ्रष्टाचार आ जाता है। फिर यह हिन्दू- मुस्लिम ले आते हैं। सबका ध्यान बांटने के लिए धर्म की राजनीति करते हैं।
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