इंदौर(देसराग)। पिछड़ा वर्ग आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक द्वंद जारी है। कांग्रेस प्रदेश के पिछड़ा वर्ग के नेताओं के जरिए आरक्षण का सच उजागर करने में जुटी है। रविवार को ओबीसी नेता राजमणि पटेल और सचिन यादव इंदौर पहुंचे। दोनों नेताओं ने नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार के खिलाफ कई आरोप लगाए। सचिन यादव ने कहा कि चुनाव में पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी के बजाय 14 फीसदी आरक्षण जो मिला है, वह जुमलेबाज शिवराज सरकार के षड्यंत्र का परिणाम है।
शिवराज सरकार को घेरा
भाजपा 14% आरक्षण के फैसले पर अब जो जश्न मना रही है। कांग्रेस हर जिले में पार्टी नेताओं के जरिए आरक्षण को मुद्दा बना रही है। रविवार को इंदौर प्रेस क्लब में कांग्रेस नेता राजमणि पटेल और पूर्व मंत्री सचिन यादव ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर शिवराज सरकार को आड़े हाथ लिया। दोनों नेताओं ने शिवराज सरकार पर षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए प्रदेश की जनता को धोखा देने की बात कही है। हालांकि ओबीसी को कोर्ट ने 14 फीसदी आरक्षण की राहत दी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इसके पहले ही कांग्रेस में नगरीय चुनाव के दौरान 27 फीसदी आरक्षण संगठन स्तर पर देने की घोषणा कर चुके हैं।
पूर्व मंत्री सचिन यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कहा था कि प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण मिले बगैर नहीं हो सकते, लेकिन षड्यंत्र कर सरकार गिराने के बाद उन्होंने पिछड़ा वर्ग को हमेशा धोखे में रखा। इस मामले की सही पैरवी नहीं की गई। जब सुप्रीम कोर्ट ने बिना पिछड़ा वर्ग आरक्षण के चुनाव कराने का फैसला दे दिया, तो मुख्यमंत्री की नींद खुली। इसके बाद रिव्यू पिटिशन लगाई गई। उसमें सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश की पिछड़ा वर्ग आबादी के अनुपात में आरक्षण देने की राहत दी। इस पर भी भाजपा के नेता जश्न मनाते हुए यह दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके प्रयासों से पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिला है। जबकि, सच्चाई यह है कि आरक्षण 27 फीसदी मिलना था। वह 14 फीसदी पर सिमट गया।
सरकार ट्रिपल टेस्ट कराने में नाकाम
राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल और पूर्व मंत्री सचिन यादव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्पष्ट घोषणा की है कि सरकार आरक्षण दे या ना दे, कांग्रेस पार्टी पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी टिकट देगी। उन्होने मांग की कि जिस तरह सामान्य वर्ग के गरीब लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन किया गया था। उसी तरह अन्य पिछडा़ वर्ग के लिए भी संविधान में सशोधन किया जाए। सचिन यादव ने दावा किया कि, 10 मई को सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया था। उसमें स्पष्ट कहा गया था कि, भाजपा सरकार ट्रिपल टेस्ट कराने में नाकाम रही है।
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