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Monday, Oct 2, 2023
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बीयर के शौकीनों पर शिवराज सरकार मेहरबान

इंदौर(देसराग)। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार बीयर के शौकीनों के प्रति काफी संवेदनशील नजर आ रही है। सरकार ने बीते साल आबकारी नीति में व्यापक परिवर्तन किया था। इसी को आगे बढ़ाते हुए अब सरकार ने बीयर पर आयात शुल्क घटा दिया है।
खास बात यह है कि मध्यप्रदेश में बीयर पीने के शौकीनों की डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है। बीयर की मांग की तुलना में उत्पादन कम हो रहा है। माना जा रहा है कि आयात शुल्क कम होने से बीयर बनाने वाली विदेशी कंपनियां अब मध्यप्रदेश की ओर रुख करेंगी।
मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग को लेकर बार-बार होने वाली सियासत के बीच राज्य में बीयर पीने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हालात ये हैं कि प्रदेश में बीयर बनाने वाली आठ कंपनियों का उत्पादन कम पड़ रहा है। प्रदेश में चल रहीं कुल 3500 शराब दुकानों के बाद भी शौकीनों की मांग के मुताबिक आपूर्ति नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि प्रदेश में बीयर के शौकीन लोगों के लिए राज्य सरकार अब इस पर इंपोर्ट पर लगने वाली ड्यूटी को घटाने जा रही है। लिहाजा, अब प्रदेश में बीयर के शौकीन देसी के साथ विदेशी बीयर का भी मजा ले सकेंगे। साथ ही उन्हें बीयर आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।
एक साल में करीब तीन गुना हो गईं शराब की दुकानें
दरअसल, पिछले साल तक मध्यप्रदेश में शराब की कुल 12 सौ शराब दुकानों पर बीयर की बिक्री हो रही थी। इन दुकानों पर बीयर की मांग 61 फ़ीसदी तक बढ़ गई है। यही वजह है कि सरकार को एक साल में ही दुकानों की संख्या बढ़ाकर 3500 करनी पड़ी है। इसके बावजूद मांग की तुलना में आपूर्ति नहीं हो पा रही है। ये देखकर राज्य सरकार ने अब मध्यप्रदेश में बीयर पर लगने वाले 30 फ़ीसदी आयात शुल्क 10 फ़ीसदी घटाने का फैसला किया है। अब बीयर पर लगने वाला आयात शुल्क बल्क में 30 रुपये से घटकर 20 रुपये हो जाएगा। इसी प्रकार वाइन पर आयात शुल्क 10 रुपये से घटकर 5 रुपये हो जाएगा।
आदिवासियों पर असर नहीं पड़ने का दावा
पिछले साल आई नई आबकारी नीति में राज्य सरकार ने आदिवासियों को महुआ और ताड़ी की शराब बनाने और बेचने की अनुमति दी थी, लेकिन राज्य सरकार अब जिस तरीके से विदेशी शराब को अप्रत्यक्ष रूप से प्रमोट कर रही है, उसका असर आबकारी नीति पर भी पड़ सकता है, हालांकि सरकार की दलील है कि बीयर पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने से आबकारी नीति में आदिवासियों के लिए किए गए प्रावधान पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
उमा भारती की मुहिम नजरअंदाज
बीते कुछ समय से प्रदेश में शराबबंदी को लेकर आक्रामक रुख अपनाने वाली पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेत्री उमा भारती लगातार शराबबंदी को लेकर शिवराज सरकार को घेरने में जुटी हैं। हाल ही में उन्होंने पार्टी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव से मिलकर इस मामले को उठाया है। इसके अलावा उमाभारती पार्टी के संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा से भी इस मुद्दे को लेकर मिली हैं, हालांकि उनकी इन मुलाकातों से पहले खुद उमा भारती ने एक शराब की दुकान पर पत्थर मारकर शराब बिक्री का विरोध किया था, लेकिन राज्य सरकार अब उमा भारती की मांग के विपरीत प्रदेश में शराब और खासकर बीयर के प्रमोशन को लेकर खासी संवेदनशील नजर आ रही है।
प्रदेश में इन बीयर ब्रांड की बिक्री : मध्यप्रदेश में देश की प्रमुख कंपनियों की बीयर बेची जाती है। इनमें किंगफिशर, हंटर पावर, टुबॉर्ग, कार्ल्सबर्ग, बडवाइज़र, कोरोना हेनेकेन बीरा 91, फोस्टर, रॉयल चैलेंज, गॉडफादर, डेयरडेविल बूम, ब्लैक डॉग आदि हैं। अब इंपोर्ट ड्यूटी कम होने से विदेशों के ब्रांड भी मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर बेचे जाएंगे, ऐसी संभावना है।

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