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Tuesday, Sep 26, 2023
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जीवाजी विश्वविद्यालय में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा!

करोड़पति शिक्षक के बीएड महाविद्यालय समेत 18 कॉलेजों की संबद्धता में गड़बड़ी की होगी जांच

ग्वालियर(देसराग)। जीवाजी विश्वविद्यालय ने चार बीएड महाविद्यालयों को बिना भवन, प्राचार्य व प्राध्यापकों के संबद्धता प्रदान कर दी गई। इसमें सरकारी स्कूल के करोड़पति शिक्षक प्रशांत परमार के महाविद्यालय भी हैं। पूरा फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब कुलपति अविनाश तिवारी ने इनके साथ सभी 18 महाविद्यालयों की संबद्धता की जांच का आश्वासन दिया है। इसे विवि की कार्यपरिषद ने भी मंजूरी दे दी है।
दरअसल महाविद्यालयों की संबद्धता में गड़बड़ी को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विरोध प्रदर्शन किया था। परिषद कार्यकर्ता इस बात को लेकर कार्यपरिषद बैठक से पहले विवि पहुंच गए और वहां बैठक कक्ष के सामने बैठ गए। हंगामा होने पर कुलपति भी उनके पास जाकर बैठ गए। इनके साथ कुलसचिव भी पहुंच गए। छात्रों के दबाव के बाद यहां जब संबद्धता की फाइल मंगाई तो उसमें संबद्धता की निर्धारित शर्तों की अनदेखी का खुलासा हुआ।
प्रशांत के बिना मान्यता वाले महाविद्यालय
हुआ यह कि कार्यपरिषद की पूर्व बैठक में विवि ने बीएड के 18 में से 16 महाविद्यालयों को संबद्धता दिए जाने का मामला ही बैठक में रखा गया था, जबकि दो महाविद्यालयों आइडीएल और कराहल महाविद्यालय का मामला छिपा लिया गया था। यह महाविद्यालय शासकीय स्कूल के शिक्षक प्रशांत परमार के हैं। इनके यहां हाल ही लोकायुक्त का छापा भी पड़ा था। इस पूरे मामले में बिना निरीक्षण के 200 से अधिक महाविद्यालयों को संबद्धता देने की बात भी कही जा रही है।
हंगामे के डेढ़ घंटे बाद कार्यपरिषद बैठक शुरू हुई। इसमें 18 बीएड महाविद्यालयों की जांच फिर से कराए जाने पर सहमति बनी। वही कार्यपरिषद सदस्यों ने कॉपी खरीदी को लेकर आपत्ति करते हुए कहा कि टेंडर की शर्त में गड़बड़ी पर कार्रवाई की जाए। इस पर टेंडर शर्तों में छेड़छाड़ करने पर एआर अमित सिसौदिया, कंप्यूटर ऑपरेटर जीतेंद्र नरवरिया को कारण बताओ नोटिस जारी करने व सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया गया।
विवि प्रबंधन का कहना था कि पूर्व में लगाए गए 14 टेंडर शर्त को पूरा नहीं कर रहे थे, इसलिए जैम के माध्यम से पांच लाख कॉपियां खरीदने का निर्णय लिया गया। बैठक में कार्य परिषद की नवनियुक्त सदस्य प्रदीप शर्मा भी मौजूद रहे।

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