17.5 C
New York
Monday, Sep 25, 2023
DesRag
राज्य

केजरीवाल नहीं शिवराज सरकार की स्कूली शिक्षा बेहतर, दिल्ली को पीछे छोड़ा

राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 की रिपोर्ट में सामने आया तथ्य

भोपाल(देसराग)। मध्य प्रदेश में स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का अब परिणाम दिखने लगा है। करीब पांच साल पहले मप्र स्कूली शिक्षा में जहां 17वें नंबर पर था वह अब पांचवें स्थान पर आ गया है। यह तथ्य राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 की रिपोर्ट में सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार तीसरी व पांचवीं कक्षा के बेहतर प्रदर्शन से मप्र अब दिल्ली से आगे निकल गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 की रिपोर्ट जारी की। मप्र ने 2969 स्कोर लाकर देशभर में पांचवां स्थान हासिल किया है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मप्र के स्कूलों में कक्षा 8 और 10 के मुकाबले कक्षा 3 और 5 के छात्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया। 2017 में मप्र 17वें स्थान पर था। केंद्र द्वारा जारी की गई सर्वे रिपोर्ट में पंजाब पहले, राजस्थान दूसरे, चंडीगढ़ तीसरे व जम्मू-कश्मीर चौथे स्थान पर है।
छोटे जिलों ने किया बेहतर प्रदर्शन
नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 में मप्र के निजी और सरकारी दोनों तरह के 9286 स्कूलों के 2,40,063 छात्रों ने भाग लिया। इस सर्वेक्षण के तहत कक्षा 3 के छात्रों का भाषा, गणित और पर्यावरण अध्ययन में मूल्यांकन किया गया। जिसमें मप्र में औसत प्रदर्शन 62.67 दिखा, जबकि राष्ट्रीय औसत 59 फीसदी है। भोपाल का औसत प्रदर्शन 62.6 फीसदी रहा। इसके साथ ही कक्षा 5 के छात्रों के लिए भाषा, गणित और पर्यावरण अध्ययन में भी मूल्यांकन किया गया। जिसमें मप्र का प्रदर्शन 53.7 है, जबकि राष्ट्रीय औसत 49 फीसदी है। भोपाल का औसत प्रदर्शन 52.8 फीसदी रहा। हालांकि कक्षा 8 के छात्रों का भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में मूल्यांकन किया गया था। इसमें मप्र का औसत प्रदर्शन 45 फीसदी रहा, जबकि राष्ट्रीय औसत 41.9 फीसदी है। भोपाल का औसत प्रदर्शन 47.4 फीसदी रहा। वहीं गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी में छात्रों के मूल्यांकन के बाद कक्षा 10 का राष्ट्रीय औसत 37.8 फीसदी है। इसमें मप्र का औसत 38.5 फीसदी रहा। दसवीं में भोपाल का औसत 44.4 फीसदी रहा।
शिक्षकों पर काम का बोझ ज्यादा
सर्वे रिपोर्ट में मप्र के 44 फीसदी शिक्षकों ने बताया कि उनके पास काम का बोझ ज्यादा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर सीबीएसई और एनसीईआरटी की ओर से देश के सभी राज्यों के स्कूली शिक्षा का सर्वे किया गया। सर्वे में सरकारी, निजी सीबीएसई स्कूल व केंद्रीय विद्यालय शामिल थे। गौरतलब है कि नेशनल अचीवमेंट सर्वे की रिपोर्ट औसत प्रदर्शन के खिलाफ प्रत्येक कक्षा स्तर में छात्रों के सीखने के स्तर की तुलना करता है। इस सर्वेक्षण में एक राष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रिजल्ट जारी किया जाता है, जो कक्षा 3, 5, 8 और 10 में छात्रों द्वारा विकसित योग्यता की जांच करता है। इसके साथ ही स्कूली शिक्षा प्रणाली का समग्र मूल्यांकन करने के लिए हर तीन साल में आयोजित किया जाता है।
विज्ञान में मप्र अव्वल
मप्र ने तीसरी, पांचवीं, आठवीं और दसवीं में विषयवार राष्ट्रीय स्तर पर ऊंची छलांग लगाई है। इसमें पांचवी व आठवीं कक्षा में विज्ञान में सभी राज्यों में मप्र पहले स्थान पर है। वहीं पांचवी में गणित में तीसरे स्थान और तीसरी कक्षा में गणित में चौथे स्थान पर जगह बनाई है। हालांकि दसवीं कक्षा में सामाजिक विज्ञान में मप्र का 33वां स्थान और अंग्रेजी में 29वें स्थान पर है। 2017 के बाद 2021 में सर्वे किया। कोरोना के कारण तीन साल में जारी होने वाली एनएएस रिपोर्ट 2020 जारी नहीं की गई। इस कारण 2021 में सर्वे कार्य किया गया। एनएएस सर्वे प्रदेश के चुने हुए स्कूलों में आयोजित किया गया था। पहले चरण में राज्यवार और जिलेवार औसत अंक जारी किए गए हैं।

Related posts

समाज के लिए प्रेरणा बनीं नव्या और भव्या

desrag

कुछ बातें घर में होती हैं, उन्हें सबके सामने करने की जरूरत नही : उमा भारती

desrag

मध्य प्रदेश में जंगलराज, गृह मंत्री इस्तीफा देंः डॉ. गोविंद सिंह

desrag

Leave a Comment