भोपाल(देसराग)। मध्य प्रदेश में बिजली चोरी को रोकने के लिए अब स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। केंद्र सरकार की रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत राज्य की विद्युत वितरण कंपनियों की कार्ययोजना को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसमें कंपनियां बिजली बिल की अग्रिम राशि पाने के लिए प्रीपेड मीटर को बढ़ावा देगी।
फिलहाल कंपनियों को बिजली आपूर्ति के डेढ़ महीने बाद राशि का भुगतान प्राप्त होता है। वर्ष 2025 तक सभी उपभोक्ताओं के मीटर को प्रीपेड स्मार्ट मीटर में परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र सरकार ने विद्युत वितरण व्यवस्था में सुधार के लिए योजना तैयार की है। इसमें 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा दी जाएगी और 40 प्रतिशत राशि राज्य को लगानी होगी। इसके आधार पर ऊर्जा विभाग ने प्रस्ताव तैयार करके कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया था। प्रोजेक्ट में 14886 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कंपनियों द्वारा प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग एवं सिस्टम मीटरिंग पर 8,736 करोड़, डिस्ट्रीब्यूशन लॉस कम करने 9,265 करोड़ तथा डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम आधुनिकीकरण पर 5,909 करोड़ खर्च होंगे।
3 साल में लगेंगे प्रीपेड स्मार्ट मीटर
स्मार्ट मीटर लगने पर उपभोक्ता मोबाइल फोन, टीवी चैनल्स की तर्ज पर अब बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ता जितनी राशि जमा करेंगे, उतनी ही बिजली जला सकेंगे। राशि खत्म होने पर अपने आप बिजली बंद हो जाएगी। अगले तीन साल में यह प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इस योजना पर करीब 8,736 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। जिसमें केंद्र सरकार 1,462 करोड़ का अनुदान देगी। इसके तहत विद्युत वितरण कंपनियों की 24,170 करोड़ की कार्य योजना को स्वीकृति दी गई है।
100 यूनिट वाले उपभोक्ता प्रीपेड से होंगे बाहर
जिन उपभोक्ताओं के यहां 100 यूनिट पर 100 रुपए का बिल आता है, उनके यहां प्रीपेड स्मार्ट मीटर नहीं लगाए जाएंगे। ऐसे करीब 30 लाख उपभोक्ता हैं। करीब 20 लाख किसान भी इसके दायरे में नहीं आएंगे। 100 यूनिट से ज्यादा खपत वाले 86 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं के यहां ये मीटर लगेंगे। इनमें उद्योग, व्यवसायी आदि शामिल होंगे। बताया जा रहा है। कि आने वाले समय में सभी मीटरों को प्रीपेड कर दिया जाएगा। प्रीपेड बिजली मीटर की इस योजना में बिलिंग कैसे होगी इसका विस्तृत प्लान बनना अभी बाकी है। आने वाले समय में इस पर चर्चा करके फाइनल प्लान जारी किया जाएगा।
कहां-कहां लगेंगे स्मार्ट मीटर
ऐसे क्षेत्र, जहां बिजली हानि अधिक होती है या बिजली की चोरी होती है। सभी औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के मीटर बदलेंगे। शहरी क्षेत्रों में 50 प्रतिशत अधिक उपभोक्ताओं वाले वे क्षेत्र जहां वर्ष 2020-21 में हानि 15 प्रतिशत और वर्ष 2020-21 में 25 प्रतिशत से अधिक है। दूसरे चरण में सभी उपभोक्ताओं के मीटर प्रीपेड स्मार्ट मीटर में परिवर्तित किए जाएंगे। मीटर बदलने के साथ ही ट्रांसफार्मर का मीटरीकरण भी किया जाएगा। केंद्र सरकार उपभोक्ता प्रति मीटर के लिए 900 रुपये का अनुदान देगी। दिसंबर 2023 तक साढ़े सात प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि 450 रुपये दिए जाएंगे।