आचार संहिता के पहले धड़ाधड़ जारी किए जा रहे हैं तीन सौ अरब के टेंडर
भोपाल(देसराग)। मध्यप्रदेश में जितनी लागत के विकास काम एक साल में होते हैं उतने कामों का श्री गणेश महज एक माह में होने जा रहा है। इसकी वजह प्रदेश में अगले माह होने वाले नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव हैं। यही वजह है की पार्टी और सरकार के पक्ष में माहौल बनाने के लिए सरकारी खजाने को खोल दिया गया है।
सरकार की मंशा इन सभी कामों का श्री गणेश चुनावी आचार संहिता लगने से पहले करने की है। यही वजह कि इन दिनों धड़ाधड़ टेंडर जारी करने का काम जारी है। सरकार द्वारा एक माह से कम समय में ही करीब तीन सौ अरब रुपए के काम स्वीकृत किए गए हैं। सरकार को पता है कि यह काम एक बार शुरू हो गए तो न तो चुनावी आचार संहिता आड़े आएगी और न ही बारिश। कारण जिन कामों के चुनावी आचार संहिता लगने से पहले वर्क आर्डर जारी हो जाएंगे उन्हें आचार सहिंता लागू होने के बाद भी रोका नहीं जा सकता है। सरकार को पता है की जनप्रतिनिधियों के व्यवहार और सरकारी महकमों की कार्यप्रणाली की वजह से जनता में पहले से ही नाराजगी है, जिसमें महंगाई के तड़के ने आग में घी डालने का काम किया है। इस स्थिति से विकास कामों के माध्यम से ही पार पाया जा सकता है। है
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इन चुनावों को लिटमस टेस्ट के रुप में देखा जा रहा है। इसके अलावा पीएम आवास योजना में भी जिनके आवास स्वीकृत हो गए हैं, उन्हें राशि देने और निर्माण कार्य कराने में आचार संहिता बाधा नहीं बनेगी।
सरकार ने शुरू किया मिशन नगरोदय
सरकार ने मिशन नगरोदय के तहत 20 हजार 753 करोड़ रुपये के काम शुरू करने के टेंडर जारी कर दिए हैं। इसके तहत 413 नगरीय निकायों में अमृत योजना-दो, स्वच्छ भारत-दो एवं स्ट्रीट वेंटर कल्याण के कार्यक्रम होंगे। इसी तरह से छह सौ से अधिक मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक शुरू किए जाने की तैयारी है। संबल-योजना 2 की शुरुआत पहले ही कर दी गई है। सरकार श्रमिक, किसान और प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के बैंक खातों में 2,850 करोड़ रुपये भी जमा करने जा रही है। 12 हजार 858 करोड़ के अमृत 2.0 योजना और शहरी इलाकों में स्वच्छ भारत मिशन 2.0 का शुभारंभ भी कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत 962 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित 25 हजार आवासों में सिंगल क्लिक के माध्यम से गृह प्रवेश कराए जाने की तैयारी है। इसके अलावा 747 करोड़ रुपए की 68 स्मार्ट सिटीज परियोजनाओं, 795 करोड़ के अन्य विकास कार्यों के लोकार्पण-भूमिपूजन के साथ विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत राशि का वितरण भी किया जा चुका है। अब तक 400 करोड़ रुपए की 14 पेयजल योजनाओं का लोकार्पण व भूमिपूजन भी किया जा चुका है।
पंचायतों के विकास कार्यों के भी वर्क ऑर्डर
राज्य सरकार ने पंचायतों में भी मनरेगा के अलावा सडक तथा अन्य सार्वजनिक निर्माण के कार्यों के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। माना जा रहा है कि चुनाव आयोग पंचायत चुनाव से पहले नगरीय निकाय के चुनाव करा सकता है। प्रदेश के कई नगरीय निकायों में सड़कों की हालत सबसे ज्यादा खराब है। कई जगह सड़कों को खोदकर ही सीवरेज और पानी की पाइप लाइन डाली गई है। बारिश से पहले इन्हें दुरुस्त नहीं किया गया तो सड़कों में पानी जमा होने लगेगा। इससे सरकार को जनता की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। जिसका सीधा असर नगरीय निकाय के चुनावों और पार्टी के परफॉर्मेंस पर पड़ेगा।