कमलनाथ ने मिशन 2023 के लिए तैयार की जिलेवार कार्य योजना
देसराग ब्यूरो। मध्यप्रदेश में कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में हर हाल में जीत हासिल करना चाहती है। इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ लगातार रणनीतिक तैयारी में जुटे हुए हैं। उन्होंने जिलेवार और विधानसभावार नेताओं को जिम्मेदारी देनी शुरू कर दी है। लेकिन पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती हैं वे 13 जिले जहां कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है।
ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी के दिग्गज नेताओं को इन विधायक विहीन जिलों की जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता को उनकी पसंद और पकड़ के जिलों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश के 52 जिलों में से 13 ऐसे हैं जहां से कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। इसे देखते हुए पार्टी ने इन जिलों में वरिष्ठ नेताओं को मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी दी है।
इसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव, नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह, अजय सिंह, राजमणि पटेल सहित अन्य नेता शामिल हैं। ये न सिर्फ इन जिलों में सक्रियता बढ़ाएंगे बल्कि पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर उन्हें उत्साहित करने का भी काम करेंगे। । जिले में काम करने वाले विभिन्न संगठनों से संवाद बढ़ाकर उन मुद्दों पर काम करेंगे, जो मतदाताओं को प्रभावित करते हैं।
प्रदेश अध्यक्ष भी संभालेंगे मोर्चा
विधायक विहीन जिलों में पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी मोर्चा संभालेंगे। इन जिलों में बूथ, मंडलम और सेक्टर समितियों के पदाधिकारियों के सम्मेलन होंगे। इनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हिस्सा लेंगे। इसके अलावा संभाग स्तरीय सम्मेलन भी किए जाएंगे। ये वरिष्ठ नेताओं की बैठक होने के बाद प्रारंभ होंगे।
गौरतलब है कि नवंबर 2020 में हुए उपचुनाव के बाद प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति में परिवर्तन आया है। खंडवा में मांधाता, बुरहानपुर में नेपानगर, मंदसौर में सुवासरा और निवाड़ी जिले में पृथ्वीपुर सीट पर चुनाव हारने के बाद इन जिलों में कांग्रेस का कोई विधायक नहीं रह गया है। प्रदेश के जिन जिलों में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है उनमें टीकमगढ़, निवाड़ी, रीवा, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, हरदा, नर्मदापुरम, सीहोर, खंडवा, बुरहानपुर, नीमच और मंदसौर आदि शामिल हैं।
42 विधानसभा की सीटों पर रहेगा दिग्गजों का फोकस
प्रदेश के जिन 13 जिलों में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है, वहां 42 विधानसभा सीटें हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श करके मिशन 2023 के लिए जिलेवार कार्य योजना तैयार की है। वरिष्ठ नेताओं-कार्यकर्ताओं से संगठन की गतिविधि बढ़ाने, मतदाता संपर्क अभियान चलाने और मतदान केंद्रों पर कार्यकतार्ओं की सशक्त टीम बनाने के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। साथ ही संभावित प्रत्याशी को लेकर उनकी राय ली जाएगी।
इसके साथ ही ऐसे संगठन के पदाधिकारियों के साथ भी बैठकें की जाएंगी, जिनका समाज के विभिन्न वर्गों में अच्छा दखल है। इनसे जिले के प्रमुख मुद्दे पर बात होगी। प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने बताया कि पार्टी मिशन 2023 की तैयारी में पूरी तरह से जुट गई है। वरिष्ठ नेताओं को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी है। जिन जिलों में अभी हमारे एक भी विधायक नहीं है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि 2023 में पार्टी की जीत सुनिश्चित हो सके।
जिलों के हिसाब से बनेगा अलग-अलग वचन पत्र
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की अध्यक्षता में वचन पत्र सलाहकार समिति की पूर्व में हुई बैठक में प्रत्येक जिलों के लिए अलग-अलग घोषणा पत्र जारी करने का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है। इसके साथ ही एक घोषणा पत्र राज्य स्तर पर भी तैयार किया जाएगा। घोषणा पत्र स्थानीय मुद्दों और मांगों के आधार पर तैयार होगा। इसके लिए कमलनाथ द्वारा समिति के सदस्यों को विभिन्न जिलों के लोगों की समस्याओं का अध्ययन करने और समाधान सुझाने का निर्देश दिए गए हैं। उनके द्वारा प्रत्येक जिले के लोगों की आकांक्षाओं और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग वचन पत्र तैयार करने को भी कहा जा चुका है।
पहले तय कर दिए जाएंगे प्रत्याशी
कांग्रेस ने लगातार हारने वाली सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी कई माह पहले ही घोषित करने की रणनीति भी बना ली है। इसके लिए अभी से प्रदेश स्तर पर काम शुरु कर दिया गया है। पार्टी का मामना है की इससे उन्हें क्षेत्र में पकड़ बनाने और अपनी बात रखने का पर्याप्त समय मिल सकेगा।