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Monday, Oct 2, 2023
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महापौर चुनावः कौन कहां से ठोक रहा दावेदारी, कांग्रेस के आधा दर्जन उम्मीदवार तय

ग्वालियर से शोभा सिकरवार, भोपाल से विभा पटेल, इंदौर से संजय शुक्ला, उज्जैन से महेश परमार, होंगे महापौर प्रत्याशी!
देसराग ब्यूरो। मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा के साथ ही कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया तेज कर दी है। महापौर चुनाव के लिए कांग्रेस ने 6 शहरों से उम्मीदवार तय कर दिए हैं। ग्वालियर नगर निगम से महापौर पद के लिए विधायक सतीश सिकरवार की पत्नी शोभा सिकरवार, इंदौर नगर निगम के लिए विधायक संजय शुक्ला का नाम फाइनल है। यह सीट इस बार अनारक्षित है। संजय शुक्ला इसको लेकर पिछले दो सालाें से जमीनी तैयारियां करने में जुटे हैं। उज्जैन से महेश परमार का नाम फाइनल है। परमार अभी तराना विधायक हैं। तो सागर नगर निगम से सुनील निधि जैन को मैदान में उतारा जा रहा है। सुनील सागर से ही विधायक शैलेंद्र जैन के भाई हैं। जबलपुर में शहर कांग्रेस अध्यक्ष जगत बहादुर सिंह का नाम फाइनल है। रीवा नगर निगम के लिए अजय मिश्रा का नाम है।

नगरीय निकाय चुनाव में खासतौर से भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत 16 नगर निगमों पर सबकी नजरें टिकी हैं। वर्तमान में ज्यादातर पर भाजपा का कब्जा है। ऐसे में पार्टी ऐसे चेहरों पर दांव लगाएगी, जो जीत सकते हों। पुराने के साथ नए चेहरों को भी आजमाया जाएगा, क्योंकि आरक्षण के साथ महापौर के दावेदारों के चेहरे भी बदल चुके हैं। कुछ निगम में नए चेहरे उतारने पड़ेंगे।

ग्वालियर नगर निगम
प्रदेश की प्रमुख नगर निगम में से एक है ग्वालियर। यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही समीकरण बनते-बिगड़ते हैं। इस बार महापौर का आरक्षण अनारक्षित महिला के लिए हुआ है। यानी, महिला ही महापौर की कुर्सी पर बैठेगी। इसके चलते महिला दावेदार भी सक्रिय हो गए हैं। भाजपा से माया सिंह, सुमन शर्मा और महिमा तारे के नाम सियासी फिजाओं में तैर रहे हैं। सियासी तौर पर माया सिंह को प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। वजह सिंधिया घराने से जुड़े रहना और पूर्व मंत्री होना है। वे राज्यसभा सांसद भी रह चुकी हैं। पार्टी की ओर से महिला प्रत्याशी में इससे अच्छा नाम नहीं है। सरल स्वभाव के कारण किसी से दुश्मनी नहीं, जबकि सुमन शर्मा का नाम भी सियासी घराने की दहलीज से बाहर निकला है। सुमन पूर्व विधायक धर्मवीर शर्मा की पुत्रवधू हैं और भाजपा में विभिन्न जिम्मेदार पदों पर रहते हुए अपनी छाप छोड़ी है। इनके अलावा एक नाम जिसका सियासत से तो अब तक कोई वास्ता नहीं रहा है, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह यशवंत इंदापुरकर की विशेष मेहरबानी होने की वजह से प्रमुख दावेदार के रूप में उभरकर महापौर पद के लिए ग्वालियर की सियासत में गूंज रहा है। वह है महिमा तारे। महिमा तारे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा संचालित अखबार स्वदेश के समूह संपादक अतुल तारे की धर्मपत्नी हैं। यही नहीं ग्वालियर के सांसद विवेक शेजवलकर की पुत्रवधू जाई प्रांशु शेजवलकर और पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा की पत्नी शोभा मिश्रा का नाम भी चर्चाओं में है। वहीं, कांग्रेस की ओर से शोभा सिकरवार का नाम फाइनल है। उनके पति कांग्रेस विधायक हैं। वे सामाजिक कार्यक्रमों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है। तीसरे मोर्चे के रूप में आम आदमी पार्टी की मनीक्षा तोमर दावेदार हैं। उनकी छवि तेज तर्रार नेता की है। वे एडवोकेट भी हैं।

भोपाल नगर निगम
भोपाल नगर निगम पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित सीट है, यानि भोपाल में पिछड़ा वर्ग की महिला ही अगली महापौर होंगी। यहां लंबे समय से भाजपा का कब्जा है। पिछली बार आलोक शर्मा जीते थे। इस बार भी पार्टी ऐसे दावेदार को टिकट देगी, जो जीत हासिल कर सके। इनमें सबसे प्रमुख दावेदार कृष्णा गौर हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री स्व.बाबूलाल गौर की बहू, निगम की पूर्व महापौर रह चुकी हैं। वर्तमान में गोविंदपुरा विधायक भी हैं। गौर पार्टी का सबसे प्रमुख चेहरा हैं। इनके अलावा मालती राय और राजो मालवीय भी महापौर का चेहरा बन सकती हैं। राय पूर्व में पार्षद रह चुकी हैं, जबकि मालवीय पूर्व महापौर का चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि, वे यह चुनाव हार गई थीं।

कांग्रेस इन पर दांव खेल सकती हैः कांग्रेस से विभा पटेल प्रमुख दावेदार हैं। वे निगम की महापौर भी रह चुकी हैं। वर्तमान में महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष हैं। कांग्रेस से ही संतोष कंसाना और मोना साहू भी दावेदार मानी जा रही हैं। कंसाना दो बार से पार्षद रह चुकी हैं। महिला कांग्रेस की पदाधिकारी हैं। वहीं, साहू के पति रवींद्र साहू दिग्विजय सिंह के करीबी बताए जाते हैं। जबकि तीसरे मोर्चे के रूप में आम आदमी पार्टी मैदान में उतर सकती है, लेकिन चेहरा फिलहाल स्पष्ट नहीं है।

इंदौर नगर निगम
इंदौर नगर निगम में महापौर की सीट सामान्य वर्ग के लिए अनारक्षित की गई है। ऐसे में सबके लिए दरवाजे खुले हैं, लेकिन भाजपा ऐसे नेता या नेत्री पर दांव खेलेगी, जो निगम में फिर से कब्जा जमा सके। इनमें प्रमुख डॉ.निशांत खरे और मौजूदा विधायक रमेश मेंदोला का नाम हैं। खरे की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा संगठन से नजदीकियां हैं, जबकि मेंदोला की शिवराज से करीबी और जमीनी पकड़ के साथ ही कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार संजय शुक्ला के मुकाबले अधिक मजबूत होना। कांग्रेस ने संजय शुक्ला का नाम फाइनल कर दिया है। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ कई बार सार्वजनिक मंच पर भी उनका नाम इंदौर मेयर के लिए आगे बढ़ा चुके हैं। इंदौर में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है। फिलहाल, तीसरे मोर्चे जैसा कुछ नहीं है। आम आदमी पार्टी की उपस्थिति बेहद कमजोर है। फिर भी पार्टी मैदान में उम्मीदवार उतार सकती है।

जबलपुर नगर निगम
जबलपुर महापौर की सीट भी अनारक्षित है। यानी, महिला-पुरुष कोई भी उम्मीदवार हो सकता है। पिछली बार स्वाति गोडबोले मेयर थीं। इस बार भाजपा से डॉ. जितेंद्र जामदार, संदीप जैन, आशीष दुबे और कमलेश अग्रवाल प्रमुख दावेदार बताए जा रहे हैं। डॉ.जामदार संघ और सीएम के करीबी हैं। राज्यमंत्री का दर्जा मिला है। पेशे से चिकित्सक हैं और साफ चेहरा है। जैन मीडिया प्रभारी रह चुके हैं। सांसद राकेश सिंह सहित सभी गुटों के प्रिय हैं। दुबे पूर्व नगर अध्यक्ष रह चुके हैं। संघ में पैठ है। संगठन में अधिक सक्रिय रहे हैं। अग्रवाल युवा चेहरा, सोशल वर्क में सबसे आगे और पूर्व पार्षद के अलावा एमआईसी मेम्बर भी रह चुके हैं। कांग्रेस ने जगत बहादुर अन्नू का नाम फाइनल कर दिया है। अन्नू वर्तमान में शहर कांग्रेस अध्यक्ष हैं। खुद और पत्नी पार्षद रह चुकी हैं। विवेक तन्खा के करीबी हैं।

कांग्रेस विधायकों पर लगाएगी दांव
महापौर पद के लिए कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि उनकी पहली प्राथमिकता महापौर पद का चुनाव जीतना है। इसलिए वे मौजूदा विधायकों को भी इस पद पर मैदान में उतार सकती है। कमलनाथ इसको लेकर साफ कह चुके हैं कि जीतने की संभावना वाले को ही टिकट दिया जाएगा। इस दिशा में इंदौर से कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला नाम पहले ही तय है। ग्वालियर महापौर पद पर कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार की पत्नी शोभा सिकरवार को चुनाव में उतार सकती हैं। पिछले लंबे समय से वे सक्रियता दिखा रही हैं। वहीं उज्जैन महापौर पद के उम्मीदवार के रूप में तराना विधायक महेश परमार को मैदान में उतारा जा सकता है। सागर से विधायक शैलेंन्द्र जैन के भाई सुनील निधि जैन जबकि रीवा नगर निगम से अजय मिश्रा की दावेदारी को मजबूत माना जा रहा है।

ये हैं महापौर के लिए आरक्षण
प्रदेश के 16 नगर निगम के महापौर की बात करें तो पिछड़ा वर्ग को 25 फीसदी आरक्षण मिला है। इस वर्ग के लिए भोपाल (महिला), सतना, रतलाम और खंडवा (महिला) निगम आरक्षित किए गए। अनुसूचित जाति के लिए मुरैना (महिला) एवं उज्जैन, अनुसूचित जनजाति के लिए छिंदवाड़ा निगम के महापौर की कुर्सी आरक्षित की गई। 8 सीटें अनारक्षित हैं। इनमें इंदौर, सागर (महिला), जबलपुर, बुरहानपुर (महिला), रीवा, ग्वालियर (महिला), सिंगरौली, देवास (महिला) और कटनी (महिला) शामिल हैं।

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