ग्वालियर(देसराग)। शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने प्रबन्धकारिणी की बैठक में आम राय से प्रस्ताव पारित कर जैसे ही नगर निगम चुनाव में प्रत्याशी चयन का अधिकार पार्टी के जिला अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा को दिया, अमूमन सूने पड़े रहने वाले ग्वालियर के कांग्रेस दफ्तर की तीसरी मंजिल पर रौनक व चहल पहल बढ़ गई है।
हालांकि यह सच्चाई है कि देवेन्द्र शर्मा के हाथ में ज्यादा कुछ नहीं है। महापौर से लेकर पार्षदी के उम्मीदवारों के नाम का फैसला भोपाल में ही होगा, ग्वालियर के कांग्रेस दफ्तर पर तो सिर्फ भोपाल से आने वाली सूची पर सिर्फ मुहर भर लगेगी और इससे पहले कई बड़े नेताओं की नजरें इनायत पाने के बाद सूची में जबरदस्त काटछांट होने के बाद सूची का स्वरूप भी कई बार बदलेगा।
बहरहाल, निगम चुनाव की औपचारिक घोषणा के बाद पहली मर्तबा ग्वालियर जिला कांग्रेस की प्रबन्धकारिणी की बैठक हुई। बैठक का मकसद गुटों व उपगुटों में बिखरी पार्टी में एकजुटता दिखाना और निगम चुनाव के लिए रणनीति बनाना था। कांग्रेस की निगम परिषद और कांग्रेस का महापौर बनाने के संकल्प के साथ जब वरिष्ठ नेताओं ने चुनावी रणनीति बनाना शुरू किया तो पार्टी के जिला महामंत्री पिंकी पंडित ने यह कहकर बैठक में मौजूद नेताओं को परेशानी में डाल दिया कि यहां गुप्त रणनीति बनाने से क्या होगा, क्योंकि यहाँ बैठे आधे नेता अभी भी सिंधिया और महल के डायरेक़्ट टच में हैं और कांग्रेस की बैठकों में मौजूद रहकर यहाँ लिए जाने वाले हर फैसले या गोपनीय प्रस्ताव की महल में सीधे रिपोर्ट कर पूरी जानकारी दे देते हैं।
पिंकी पण्डित के यह सपाटबयानी करते ही वहाँ बैठे नेताओं को मानो सांप सूंघ गया। पिंकी की बात पर कुछ नेता दबे सुर में कुनमुनाए, फिर चुप रह गए। चुप रहना भी मजबूरी थी क्योंकि जो भी नेता जिला महामन्त्री की बात का विरोध करता, उस पर चोर की दाढी में तिनके का इल्जाम लग सकता था।
बहरहाल, कांग्रेस प्रबंध कार्यकारिणी में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर महापौर व वार्ड प्रत्याशी के चयन, अनुशासन समिति, कार्यक्रमों, भाजपा की केन्द्र, राज्य व निगम सरकार के खिलाफ आंदोलन एवं मप्र कांग्रेस कमेटी से प्राप्त परिपत्रों पर निर्णय लेने का अधिकार शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ देवेन्द्र शर्मा को दे दिया गया। इसके बाद देवेंद्र शर्मा ने बोलना शुरू किया । उन्होंने कहा कि ग्वालियर में इस बार कांग्रेस का महापौर ही नहीं परिषद भी होगी। जनता भ्रष्टाचारियों से उब चुकी है। नगर निगम में कोई भी काम भ्रष्टाचार के बिना नहीं होता है। अधिकारियों को भाजपा से छूट मिली हुई है, इस कारण जनता पिस रही है। जहां कोई विरोध करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जाती है। लोकतंत्र खतरे में है। यही कारण है कि जनता अब लोकतंत्र के रक्षकों को फिर से सत्ता में देखना चाहती है।
शहर जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक में विशेष रूप से विधायक डॉ सतीश सिंह सिकरवार, प्रदेश महासचिव सुनील शर्मा भी उपस्थित थे लेकिन चुनावी तैयारी के लिए हुई इस बैठक में शहर में ही रहने वाले बालेंदु शुक्ला व भगवान सिंह यादव जैसे पूर्व मंत्री और चन्द्रमोहन नागौरी जैसे पूर्व जिलाध्यक्ष सहित कई वरिष्ठ नेताओं को बुलाया ही नहीं गया।