नई दिल्ली(देसराग)। राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा के बाद पार्टी में असंतोष बढ़ गया। अलबत्ता इस बात के संकेत प्रबल हो रहे हैं कि कपिल सिब्बल के बाद जल्द जी-23 के नेता गुलामनबी आजाद और आनंद शर्मा भी कांग्रेस से आजाद हो जाएंगे। दरअसल कांग्रेस ने इस बार जी-23 के नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और वीरप्पा मोइली जैसे नेता भी दरकिनार किए गए क्षत्रपों की फेहरिस्त में शामिल है।
पार्टी ने गुलाब नबी आजाद की जगह पर इमरान प्रतापगढ़ी को तरजीह दी है। जी-23 में रहे कपिल सिब्बल समाजवादी पार्टी के सहयोग से उम्मीदवार बन गए है। अब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नाराज नेताओं को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देकर संतुष्ट करने की प्लानिंग की है। हालांकि उनकी प्लानिंग को सबसे पहला झटका गुलाम नबी आजाद ने दिया है। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने पार्टी में नंबर दो की कुर्सी ठुकरा दी है।
सूत्रों के मुताबिक रविवार को सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने पार्टी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। सोनिया गांधी ने कहा कि नए लोगों को काम करना चाहिए क्योंकि यह पार्टी में एक जेनरेशन का बदलाव है। सूत्रों ने कहा कि आजाद को संगठन में नंबर दो पद की पेशकश की गई, लेकिन दिग्गज नेता ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। आजाद ने भी कांग्रेस और अपने गृह राज्य जम्मू-कश्मीर में पार्टी के कामकाज के तरीकों पर सवाल भी उठाया। बता दें कि गुलाब नबी आजाद पार्टी की ओर से राज्यों में आयोजित होने वाले चिंतिन शिविर में भी शामिल नहीं हो रहे हैं। उनके समर्थकों ने भी इन शिविरों से दूरी बना रखी है। इससे साफ पता चलता है कि पार्टी सब कुछ ठीक नहीं है। गुलाम नबी आजाद के समर्थक चाहते हैं कि वह जम्मू-कश्मीर में पार्टी का चेहरा बनें।
राज्यसभा चुनाव में कैंडिडेट के चयन को लेकर छत्तीसगढ़ और राजस्थान कांग्रेस में भी असंतोष है। इन दोनों राज्यों के स्थानीय नेताओं ने भी अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने दूसरे राज्यों के कैंडिडेट को राज्यसभा दावेदार बनाने पर भी सवाल उठाया है। इन दोनों राज्यों में अगले साल चुनाव होंगे। इस बार कांग्रेस ने अपने वफादारों पर दांव लगाया है। हालांकि टिकट की घोषणा के बाद कई नेताओं ने खुले तौर से अपनी नाराजगी जाहिर की। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ट्वीट किया था कि ‘मेरी तपस्या में कमी हो सकती है।’ उनके ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए, लंबे समय से कांग्रेस में जुड़ी पूर्व अभिनेत्री नगमा ने जवाब दिया कि मेरा 18 साल का काम इमरान भाई से कम हो गया। इसके बाद नगमा ने एक और ट्वीट किया। उन्होंने लिखा ‘2003-04 में हमारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनियाजी ने निजी तौर पर मुझे राज्यसभा भेजने का वादा किया था। इसके बाद ही मैं कांग्रेस में शामिल हुई थीं। उस वक्त हम सत्ता में नहीं थे। तब से 18 साल बीत चुके हैं और उन्हें मुझे फिर भेजने का अवसर नहीं मिला। अब महाराष्ट्र से इमरान को मौका दिया गया है। मैं पूछना चाहती हूं कि क्या मैं योग्य नहीं।