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Monday, Sep 25, 2023
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सरकार अब माननीयों से जुटा रही माफिया की कुंडली!

भोपाल(देसराग)। बीते माह दिल्ली में हुई प्रदेश भाजपा कोर कमेटी और संघ के पदाधिकारियों के बीच बैठक का असर अब दिखना शुरू हो गया है। यह बात अलग है की अभी यह असर आंशिक रूप से ही दिखना शुरू हुआ है, लेकिन माना जा रहा है की सरकार इसके लिए अपने स्तर पर तैयारियों में लगी हुई है। इसी वजह से अब सरकार तमाम सरकारी अमले के बाद भी कई तरह के माफिया व असामाजिक तत्वों की जानकारी जुटाने के प्रयासों में लगी हुई है। यह बात अलग है की इसके लिए सरकार को अब माननीयों का सहारा लेना पड़ रहा है।

यह स्थिति तब है जबकि प्रदेश में कानून व्यवस्था सहित अन्य खुफिया सूचनाएं जुटाने के लिए सरकार के पास तमाम तरह का भारी-भरकम अमला मौजूद है। जिस तरह की जानकारियां मांगी गई है उससे यह तय है कि अब आने वाले समय में प्रदेश सरकार हार्ड हिंदुत्व की ओर चलने की तैयारी कर रही है। दरअसल राज्य सरकार अभी तक संघ को हिन्दुत्व वाली सरकार होने का अहसास नहीं करा सकी है, बल्कि सरकार पर प्रो मुस्लिम होने के जरूर आरोप लगते रहे हैं। फिर मामला ईद पर रातभर बाजार खुलने का हों या फिर राजधानी में ही पुराने शहर में देर रात तक दुकानें खुलने का मामला हो।

तमाम तरह की सूचनाएं जुटाने के लिए अब मुख्यमंत्री सचिवालय ने विधायकों से उनके क्षेत्र की मैदानी हकीकत और फीडबैक हासिल करने चौंकाने वाली जानकारियां मांगी हैं। दरअसल प्रदेश में अफसरशाही जमकर हावी है और वह अपने हिसाब से ही काम करती है। इसकी वजह से कई बार बड़ी घटनाएं हो जाती है और सरकार को उसके बाद ही पता चल पाता है। प्रदेश में गोपनीय सूचनाएं जुटाने में लापरवाही तो कई बार सामने आ चुकी है, लेकिन जिम्मेदारों पर सरकार प्रभावी कार्रवाई करने में असफल रही है।

सीएम सचिवालय से भाजपा के माननीयों से जो जानकारी मांगी गई है उसमें पूछा गया है कि आपके क्षेत्र में गोवंश तस्करी, धर्मांतरण और जुआ- सट्टा जैसे मामलों में कौन-कौन लोग संलिप्त हैं। क्या ऐसे लोग और संस्थाएं भी हैं, जो सामाजिक वैमनस्यता पैदा करने में लिप्त हैं। यह भी ब्योरा भेजें कि विधानसभा क्षेत्र में भू-माफिया और खनिज माफिया के रूप में कौन-कौन लोग सक्रिय हैं। प्रदेश के भाजपा विधायकों को भेजे गए इस सर्कुलर (प्रपत्र) में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक बिंदुओं पर गोपनीय तौर पर कई तरह की चौंकाने वाली जानकारी मांगी गई हैं। खास बात यह है की स्थानीय स्तर पर धर्मांतरण, गोवंश – तस्करी, लव जिहाद और सट्टा-जुआ जैसी आपराधिक गतिविधियों में कौन लोग संलग्न हैं, इसका ब्यौरा लोकल इंटेलिजेंस और संबंधित थाना क्षेत्र में भी उपलब्ध है। यह पहला मौका है जब विधायकों से भी इस तरह की सूचनाएं मांगी गई है।

संघ लगा चुका है फटकार
दरअसल बीते माह दिल्ली में हुई कोर ग्रुप की बैठक में संघ खराब कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार और हिंदुत्व के मामले में फटकार लगा चुका है। संघ की नाराजगी इससे ही समझी जा सकती है कि उसकी ओर से यहां तक कह दिया गया था की लच्छेदार बातों से सरकार नहीं बनती है। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने भी सख्त तेवर दिखाते हुए पूछा था कि चुनाव में अब महज डेढ़ साल बचा है। चुनाव का एजेंडा क्या है, जिसे लेकर जनता के बीच में जाएं? केवल सरकार की योजनाओं का लाभ देना ही काफी नहीं है। सरकार तभी बनेगी, जब किसी एजेंडे को लेकर जनता के बीच में लाएं। पहली बार कोर ग्रुप की बैठक में संघ के सह सर कार्यवाह अरुण कुमार के अलावा तीनों प्रांत मध्य भारत, महाकौशल और मालवा के प्रचारक भी मौजूद थे।

संघ नेताओं ने आदिवासी वर्ग के बीच काम कर रहे जय युवा आदिवासी शक्ति संगठन (जयस) और अनुसूचित जाति वर्ग के बीच सक्रिय संगठन भीम आर्मी का मुद्दा भी उठाया था। उन्होंने कहा था कि इन संगठनों से निपटना बड़ी चुनौती है। मिशन 2023 की रणनीति को लेकर मप्र की भाजपा सरकार से संघ ने दो टूक कह दिया है कि नहीं सुधरे तो सत्ता से हाथ धो दोगे। संघ ने यह चेतावनी सरकार और संगठन के काम से नाखुश होकर दी थी। संघ ने कहा है कि गलतियां नहीं सुधारीं तो हाल 2018 की तरह हो सकता है।

संघ ने बताया था अपना एजेंडा
संघ ने बैठक में सरकार को एजेंडा बताकर काम पर फोकस करने की सलाह दी है। जाहिर है यह हिन्दुत्व का एजेंडा है। संघ ने प्रदेश के नेताओं को युवाओं पर फोकस करने के लिए कहा है। संघ की चिंता इस बात को लेकर भी है कि सत्ता और संगठन के बीच समन्वय की कमी है। खास तौर पर जिस तरह से मंत्रियों की आपसी खींचतान और मुख्यमंत्री के साथ कई मंत्रियों का आपसी मनमुटाव की बातें सीधे तौर पर जनता के बीच जा रही हैं।

सीएम खुद करेंगे निर्णय
विधायकों को ताकीद किया गया है कि सभी बिंदुओं की जानकारी और योजनाओं का फीडबैक सचिवालय को दें। सभी गोपनीय सूचनाओं का विश्लेषण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री स्वयं ही इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे । उधर,इस सर्कुलर की ज्यादातर सूचनाओं का उपयोग सीएम की जिला अधिकारियों के साथ होने वाली मॉर्निंग मीटिंग में किया जाएगा। इन जानकारियों पर उनसे जवाब और कार्रवाई संबंधी जानकारी तलब होगी। कुछ सवाल देखकर विधायक भी पसोपेश में हैं, क्योंकि कई जिलों और विधानसभा क्षेत्रों में कतिपय ऐसे लोगों के नाम भी हैं, जिनसे विधायकों के सामने धर्मसंकट हो सकता है।

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