इंदौर(देसराग)। मध्यप्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने ताल ठोकनी शुरू कर दी है। एआईएमआईएम की मध्यप्रदेश इकाई ने स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। प्रदेश इकाई के नेता ओवैसी से नौ जून को मुलाकात करेंगे। प्रदेश इकाई का दावा है कि राज्य के 10 जिलों में विस्तृत चुनाव सर्वेक्षण भी पूरा कर लिया गया है।
अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन ने मध्यप्रदेश के 22 जिलों में स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है। एमपी के नेताओं ने नौ जून को राष्ट्रीय प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से मिलने का कार्यक्रम बनाया है। पार्टी की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. नईम अंसारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
10 जिलों में एक विस्तृत चुनाव सर्वेक्षण
अंसारी ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि पार्टी ने 22 में से 10 जिलों में एक विस्तृत चुनाव सर्वेक्षण भी पूरा कर लिया है। उन्होंने बताया कि ओवैसी के साथ बैठक हैदराबाद में होगी। हमने राज्य के 22 जिलों में स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी की है और इनमें से 10 जिलों में इसके चुनावी समीकरणों पर एक विस्तृत सर्वेक्षण भी किया है। अगर ओवैसी अनुमति देते हैं, तो पार्टी इसकी विस्तृत जानकारी जारी करेगी।
उम्मीदवार उतारने की तैयारी
अंसारी ने कहा कि एआईएमआईएम इंदौर, भोपाल, जबलपुर, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, रतलाम, शाजापुर और कुछ अन्य जिलों में उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है। अंसारी ने कहा कि प्रदेश के लोग कांग्रेस और भाजपा से खुश नहीं हैं और वे तीसरे विकल्प की तलाश में हैं। हम राज्य में तीसरा विकल्प होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एआईएमआईएम राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने की तैयारी 2015 से कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि अब राज्य में दो लाख से अधिक का सदस्यता आधार है।
कांग्रेस बोली भाजपा की बी टीम
दूसरी तरफ, एआईएमआईएम के कदम पर पूछे जाने पर, मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा कि ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी भाजपा की बी टीम है और कि मध्य प्रदेश के मुसलमान बुद्धिमान हैं। यहां के मुसलमान एआईएमआईएम के हाथों की कठपुतली नहीं बनेंगे। यहां बता दें कि 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की 7.27 करोड़ की आबादी में मुसलमानों की संख्या 47.76 लाख या 6.57 प्रतिशत है।