पूर्व मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा को दी थी धमकी, आईपीएस अथिकारी को मारा था चांटा
भोपाल(देसराग)। राजस्थान के झालावाड़ में मछली पकड़ने का ठेका हासिल कर वहां अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहे भोपाल के कुख्यात बदमाश की गैंगवार में मौत हो गई। भोपाल के कुख्यात अपराधी मुख्तार मलिक पर राजधानी में ही 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, लूट, डकैती जैसे मामले भी शामिल हैं। मुख्तार उस समय ज्यादा चर्चा में आया जब उसने एक आईपीएस अधिकारी को चांटा मार दिया। इसके अलावा 2003 में उसने अपने एक शूटर से जेल अधिकारी पर भी गोली चलवाई थी।
बंटी गैंग से हुए गैंगवार
दो दिन पहले राजधानी भोपाल के खिलचीपुर इलाके में भी मुख्तार गैंग और कुछ लोकल बदमाशों के बीच गैंगवार हुआ था। जिसके बाद मुख्तार यहां से फरार हो गया था। मुख्तार ने राजस्थान के झालावाड़ में डैम से मछली पकड़ने का ठेका लिया हुआ था। घटना वाली शाम वह नाव में सवार होकर डैम में पेट्रोलिंग कर रहा था। इसी दौरान वहां के गैंगस्टर बंटी गैंग के लोगों ने इसका विरोध किया। कहासुनी के बाद दोनों तरफ से फायरिंग होने लगी। इस दौरान मुख्तार के एक साथी की गोली लगने से मौत हो गई और नाव में सवार मुख्तार पानी में गिर गया था।
जंगल में घायल पड़ा मिला था मुख्तार
राजस्थान पुलिस के मुताबिक मुख्तार मलिक नदी से करीब 1 किलोमीटर दूर जंगल में घायल हालत में मिला था। मुख्तार की गैंग और राजस्थान के बंटी गैंग के बीच गैंगवार हुई थी। दोनों गैंग के बीच हुई फायरिंग में गैंगवार में मुख्तार गैंग के एक गुर्गे की मौत हो गई थी। वहीं, मुख्तार समेत उसका राइट हैंड विक्की वाहिद घायल था। गैंगवार में मुख्तार के घायल होने की सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहां शुक्रवार सुबह उसने दम तोड़ दिया।
भोपाल में सबसे पहले ज्यादती के मामले में हुआ था बंद
कुख्यात बदमाश मुख्तार मलिक को राजधानी पुलिस ने 1982 में सबसे पहले ज्यादती के एक मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद मुख्तार अपराध की दुनिया में कूद गया। हत्या, हत्या के प्रयास, अड़ीबाजी, अपहरण, जैसे करीबन 60 मामले उस पर दर्ज हैं। गैंगस्टर बन चुके मुख्तार के भोपाल ही नई आसपास के दूसरे राज्यों तक भी पहुंच हो गई. वारदातों को अंजाम देने वाले वह उत्तर प्रदेश के बदमाशों को भी बुलाता था। ऐसे ही 1996 में उसने फिरौती के लिए तीन बच्चों का अपहरण किया था, इसके लिए उत्तर प्रदेश से बदमाश बुलाए गए थे, हालांकि ये बदमाश मुठभेड में वे मारे गए थे।
सीएम को भी दी थी धमकी
2006-07 में एक मामले में हाईकोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से उसे राहत मिल गई थी। यह सजा उसे करीब 27 साल पहले जिला अदालत में हुए गैंगवार के मामले में सुनाई गई थी। 2010 में पुलिस ने गुंडा अभियान चलाया इस दौरान पुलिस ने बदमाश और उसके साथियों को हथियार सहित गिरफ्तार किया। लोगों के दिल से बदमाश की दहशत खत्म करने के लिए पुलिस ने शहर में उसका जुलूस निकाला था। मुख्तार के बारे में यह भी बात सामने आई थी कि 1990 में उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा तक को धमकी दे दी थी।
जेल अधिकारी पर कराई फायरिंग
घटना 24 नवंबर 2003 की है, जब बदमाश मुख्तार मलिक ने अपने शूटर के जरिए जेल अधिकारी पर फायरिंग करवा दी। साल 2000 में मुख्तार मलिक एक मामले में भोपाल की सेंट्रल जेल में बंद था। वह जेल में बंदियों पर दबाव बनाता था। जिसे लेकर तत्कालीन जेल अधिकारी पीडी श्रीवास्तव उसके साथ सख्ती करते थे। यह बात उसे नागवार गुजरी। जमानत पर रिहा होने के बाद बदमाश ने अपने एक शूटर तौफीक से पीडी श्रीवास्तव पर हमला करवाया, लेकिन जेल अधिकारी बाल बाल बच गए। इस घटना के कुछ ही दिन बाद मुख्तार ने एक बाद एक आईपीएस अफसर को भी चांटा मार दिया था, मामला काफी सुर्खियों में रहा। इस घटना के बाद उसके एनकाउंटर के आदेश जारी हो गए थे, लेकिन उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।
भोपाल में होगा सुपुर्द-ए-खाक, अलर्ट पर पुलिस
राजस्थान पुलिस के मुताबिक मुख्तार के शव का पीएम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। परिजन शव लेकर झालावाड़ से भोपाल के लिए रवाना हो गए हैं। जहां देर शाम को उसका अंतिम संस्कार किया जा सकता है। इसे लेकर भोपाल पुलिस अलर्ट हो गई है।