ग्वालियर(देसराग)। मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे ही ग्वालियर चंबल अंचल की राजनीति में वर्चस्व की जंग तेज हो रही है। वर्चस्व की जंग मोदी सरकार के दोनों मंत्रियों के बीच खुलकर सामने आने लगी है।
भले ही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया एक मंच साझा करते हैं, लेकिन उनके दिल और दिमाग में हमेशा वर्चस्व की जंग छिड़ी रहती है। हालात यह हो चुके हैं कि अंचल के दोनों ही कद्दावर नेताओं ने अपने-अपने इलाकों में लक्ष्मण रेखा खींच दी है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर में सक्रिय हैं, तो वहीं ग्वालियर को अपनी कर्मभूमि मानने वाले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अपने संसदीय क्षेत्र मुरैना और श्योपुर तक सीमित हो गए हैं और यह दोनों नेता एक दूसरे के क्षेत्र में दखल नहीं दे रहे हैं।
नेताओं ने बांट लिया अपना क्षेत्र
मध्य प्रदेश का ग्वालियर-चंबल इलाका शुरू से ही मध्य प्रदेश की राजनीतिक सियासत का केंद्र बिंदु रहा है। यहां पर दो कद्दावर नेता केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर हैं। भाजपा में पहले से ही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पार्टी के शीर्ष नेता माने जाते थे, लेकिन हाल में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने के बाद इन दोनों नेताओं के बीच वर्चस्व और अपने आपको अंचल का बड़ा नेता मानने की होड़ मची हुई है। भले ही यह दोनों दिग्गज नेता मंच पर जनता को दिखाने के लिए एक साथ बैठते हैं और बातें करते हैं, लेकिन अंदर ही अंदर इन दोनों नेताओं के बीच वर्चस्व की आग झुलस रही है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे ही सब कुछ सामने आता जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री बनने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार ग्वालियर में विकास कार्यों की सौगात देकर लोगों के बीच जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री सिंधिया की सक्रियता के चलते पहले से ही मौजूद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ग्वालियर में मौजूदगी धीरे-धीरे कम होने लगी है और यही वजह है कि अब इन दोनों नेताओं ने अपने-अपने इलाके बांट लिए हैं।
तोमर ने बनाई ग्वालियर से दूरी
देखने को मिल रहा है कि ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की सक्रियता बढ़ने के बाद अब केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ग्वालियर से दूरी बनाना शुरू कर दिया है, क्योंकि इस समय केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया छोटे कार्यक्रम से लेकर बड़े कार्यक्रम तक सभी में शिरकत कर रहे हैं। वहीं अधिकारियों के साथ बैठक लेना और किस अधिकारी की कहां पदस्थापना होनी है, वह सब काम केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के इशारे पर हो रहा है। इसी के चलते अब केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर से सक्रियता कम कर सबसे ज्यादा ध्यान अपने संसदीय क्षेत्र मुरैना और श्योपुर पर देने लगे हैं। यही वजह है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर हर तीसरे दिन मुरैना और श्योपुर का दौरा कर रहे हैं, जबकि ग्वालियर में उनका दौरा काफी लंबे समय बाद होता है।
ग्वालियर सीट पर सिंधिया की नजर
ग्वालियर चंबल अंचल में अब हालात यह हो चुके हैं कि, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से जुड़े जितने भी नेता हैं, वह अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के पाले में पहुंच चुके हैं। उनसे मेल मुलाकात कर रहे हैं और संपर्क साधने में जुटे हैं। उम्मीद है कि आने वाले समय में ग्वालियर की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास ही रहने वाली है। तो वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपने धुर विरोधी या फिर कहें नरेंद्र सिंह तोमर के धुर विरोधी नेताओं से बातचीत कर रहे हैं और उनसे संपर्क में हैं। यही वजह है कि अब कांग्रेस भी दोनों दिग्गज नेताओं के वर्चस्व को लेकर आरोप लगा रही है। कांग्रेस पार्टी के नेता आरपी सिंह का कहना है कि सिंधिया अबकी बार गुना से नहीं, बल्कि ग्वालियर से जमीन तलाश रहे हैं। इसीलिए उनका सबसे ज्यादा ध्यान अबकी बार ग्वालियर लोकसभा सीट पर है।