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Saturday, Apr 1, 2023
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भाजपा में घमासानः टिकट के लिए महाराज के चक्कर काट रहे नेता

माया सिंह का नाम महापौर की दौड़ में आगे, लेकिन जनता में समीक्षा लोकप्रिय

ग्वालियर(देसराग)। मध्य प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव के लिए ग्वालियर-चंबल अंचल में टिकट वितरण को लेकर घमासान मचा हुआ है। यही वजह है कि पार्षद बनने के लिए लोग अपने-अपने समर्थक नेता के पास दिल्ली और भोपाल के चक्कर लगा रहे हैं।

ग्वालियर-चंबल अंचल के निकाय चुनाव में इस बार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का दखल सबसे ज्यादा दिखाई देता नजर आ रहा हैं क्योंकि सिंधिया ने अभी हाल में ही भाजपा के जिला अध्यक्ष और ग्रामीण अध्यक्ष को दिल्ली तलब किया। इसके साथ ही दोनों के साथ निकाय चुनाव में संभावित उम्मीदवारों को लेकर चर्चा भी की। वहीं जिला अध्यक्षों से निकाय चुनाव को लेकर चल रही तैयारियों की जानकारियां भी सिंधिया ने ली।

भाजपा में टिकट को लेकर घमासान
भारतीय जनता पार्टी में टिकट को लेकर काफी घमासान मचा है। भाजपा के मूल कार्यकर्ता के अलावा सिंधिया समर्थक कार्यकर्ता भी टिकट को लेकर एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। यही वजह है कि जो कार्यकर्ता कांग्रेस को छोड़कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए हैं, उन्हें संतुष्ट करने के लिए सिंधिया भी लगातार प्रयासरत हैं। इसी को लेकर टिकटों की चाह में भाजपा के मूल कार्यकर्ता और समर्थक कार्यकर्ता अपने अपने नेता के पास दिल्ली और भोपाल में डेरा जमाए हुए हैं।

महापौर पद के लिए पूर्व मंत्री माया सिंह का नाम
कांग्रेस से भाजपा में आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार नगरीय निकाय के चुनाव में अपने समर्थकों को पर्याप्त स्थान दिलाना चाहते हैं। वहीं निकाय चुनाव में उनके समर्थकों की अनदेखी ना हो, इसके लिए भी वे पूरा ध्यान रख रहे हैं। यही वजह है कि सिंधिया के बुलावे पर जिला अध्यक्षों के अलावा पूर्व मंत्री माया सिंह के पहुंचने की खबर भी है, क्योंकि बताया जा रहा है कि भाजपा के महापौर पद के प्रबल दावेदार के लिए सबसे आगे पूर्व मंत्री माया सिंह का नाम आ रहा है। हालांकि भाजपा के अन्दरुनी सर्वे में ग्वालियर के मतदाताओं के बीच महिला उम्मीदवार के रुप में पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता की लोकप्रियता सामने आई है। इसके साथ ही पूर्व मंत्री माया सिंह सिंधिया परिवार की बहुत करीबी हैं। यही वजह है कि सिंधिया निकाय चुनाव में महापौर पद के लिए अपने किसी करीबी को ही इस पद पर काबिज करना चाहते हैं।

संपादक भी अपनी पत्नी के लिए लगा रहे जोर
ग्वालियर से प्रकाशित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समाचार पत्र दैनिक स्वदेश के समूह संपादक अतुल तारे भी अपनी पत्नी को महापौर बनवाने के लिए संघ के जरिए अपनी पैठ बनाने में जुटे हुए हैं। उन्हें भरोसा इसलिए है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह यशवंत इंदापुरकर का उन्हें वरदहस्त प्राप्त है और इंदापुरकर उनकी पत्नी के नाम की सिफारिश करेंगे तो भाजपा संगठन, सरकार और संघ में उनका विरोध करने की हिमाकत शायद ही कोई कर सके। हालांकि उनके यह प्रयास कितने कारगर साबित होंगे इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उन्होंने बीते साल माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल में स्वयं कुलपति बनने के लिए भी काफी प्रयास किए थे, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा उनके इन प्रयासों को बड़ा झटका केजी सुरेश की नियुक्ति कर दे दिया था।

कांग्रेस का बीजेपी पर हमला
इसको लेकर कांग्रेस, भाजपा पर पलटवार कर रही है। कांग्रेस नेता आरपी सिंह का कहना है कि भाजपा में सिंधिया के आने के बाद अब कई गुट पैदा हो गए हैं। यही वजह है कि आपसी खींचतान के कारण निकाय चुनावों में कार्यकर्ता अपने-अपने नेताओं से टिकट पाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। वहीं टिकटों को लेकर शिवराज सरकार के मंत्री भारत सिंह कुशवाह का कहना है कि हर पार्टी के कार्यकर्ता को उम्मीद होती है कि उसका नेता राजनीति में उस को आगे बढ़ाए और इसी कारण पार्षद के चुनाव में हर कोई चुनाव लड़ने की इच्छा रखता है, लेकिन टिकट को लेकर पार्टी तय करती है कौन कार्यकर्ता सक्रिय है इसी के आधार पर टिकट दिए जाते हैं।

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