भोपाल(देसराग)। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया समन्वयक और कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष रहे नरेंद्र सलूजा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा तभी दे दिया था जब कांग्रेस मीडिया विभाग की नई टीम गठित की गई थी। सलूजा तब से ही नाखुश थे। उनके इस्तीफे को बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद कांग्रेस के ऑफिशियल लेटर पर उन्हें सभी दायित्वों से मुक्त करने की बात कही है।
अध्यक्ष पद न मिलने से नाराज थे सलूजा
अभी हाल ही में पूर्व सीएम कमलनाथ ने कांग्रेस मीडिया विभाग की पूरी इकाई को भंग कर नई टीम का गठन किया था। इस में केके मिश्रा को अध्यक्ष बनाया गया था, जबकि सलूजा को उपाध्यक्ष पद पर जगह मिली, लेकिन वह इससे खुश नहीं थे। इसी को लेकर सलूजा ने अपना त्यागपत्र कमलनाथ को उसी दिन दे दिया था, लेकिन कमलनाथ ने इसे कबूल नहीं किया था। अब बुधवार को जानकारी दी गई कि उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है।
कमलनाथ ने केके मिश्रा पर जताया भरोसा
एक बार फिर कांग्रेस में पद की लड़ाई को लेकर बहस छिड़ गई है। दरअसल, नरेंद्र सलूजा कांग्रेस की पुरानी मीडिया विभाग की इकाई को भंग करने और जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद खुद मीडिया विभाग का अध्यक्ष बनने की दावेदारी प्रस्तुत कर रहे थे। ऐसा माना जा रहा था कि कमलनाथ के खास होने के चलते उन्हें यह जवाबदारी दी जाएगी, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए कमलनाथ ने केके मिश्रा पर भरोसा जताया और उन्हें यह जिम्मेदारी दी।
भाजपा बोली, अभी और इस्तीफे होंगे
नरेंद्र सलूजा के इस्तीफे से बाद से एक बार फिर एमपी की सियासत में भूचाल आ गया है। विधानसभा चुनाव से पहले सलूजा के इस्तीफे से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। इधर, भाजपा ने एक बार फिर इसे गुटबाजी से जोड़ा है। भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी तो एक इस्तीफा हुआ है, आगे चलकर और इस्तीफे होंगे। कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।