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Sunday, Mar 26, 2023
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मध्य प्रदेश के 7 शहरों में निकाय चुनाव लड़ेगी ओवैसी की पार्टी

भोपाल, इंदौर, जबलपुर, बुरहानपुर को लेकर बड़ा प्लान

भोपाल(देसराग)। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव लड़ेगी। पार्टी के राष्ट्रीे अध्यक्ष असउद्दीन ओवैसी ने इस फैसले को हरी झंड़ी दे दी है। एआईएमआईएम निकाय चुनाव के जरिए मध्य प्रदेश में अपने चुनावी सफर की शुरूआत करने जा रही है। निकाय चुनाव में पार्टी 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। इन 7 सीटों के नाम का भी ऐलान कर दिया गया है।

इन 7 शहरों में चुनाव लड़ेगी ओवैसी की पार्टी
पार्टी के पदाधिकारियों के मुताबिक अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मध्य प्रदेश के 7 शहरों में निकाय चुनाव लड़ने के फैसले को मंजूरी दे दी है। इन 7 शहरों में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा और रतलाम में एआईएमआईएम निकाय चुनाव लड़ेगी।

एमपी में पहली बार चुनाव लड़ रही पार्टी
एआईएमआईएम की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.नईम अंसारी ने साफ किया था कि हमारी पार्टी मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव लड़ने को तैयार है। पार्टी ने इसके लिए 10 जिलों के चुनावी समीकरणों को लेकर सर्वे भी कराया है।

मध्य प्रदेश के एआईएमआईएम नेताओं ने गुरूवार को ओवैसी से हैदराबाद में मुलाकात की जिसके बाद चुनाव लड़ने की मंजूरी मिलते ही 7 शहरों के नाम का ऐलान कर दिया गया है जहां पार्टी निकाय चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी। एआईएमआई की प्रदेश युनिट के कार्यकारी अध्यक्ष ने इस बात के भी संकेत दिए थे कि बुरहानपुर सूबे के उन शहरों में शुमार है जहां एआईएमआईएम पार्षदों के साथ ही महापौर पद पर भी अपना उम्मीदवार उतार सकती है। अंसारी ने दावा किया था कि सूबे के लोग भाजपा और कांग्रेस, दोनों दलों से नाराज हैं और तीसरे विकल्प की तलाश में हैं। हम सूबे में एआईएमआईएम को तीसरे विकल्प के रूप में पेश करने को तैयार हैं। अंसारी के मुताबिक एआईएमआईएम ने एमपी में 2015 से अपना काम-काज शुरू किया था और अब तक सूबे में दो लाख से ज्यादा पार्टी के सदस्य हैं।

बीजेपी की बी टीम
एआईएमआईएम के मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव के जरिए अपने चुनावी सफर की शुरूआत करने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने एआईएमआईएम को भाजपा की बी-टीम करार दिया और कहा,मध्यप्रदेश के मुस्लिम मतदाता बेहद समझदार हैं और वे एआईएमआईएम के हाथों की कठपुतली कतई नहीं बनेंगे। दूसरी तरफ राजनीति के जानकारों का मानना है कि राज्य के नगरीय निकाय चुनावों में उतरने का फैसला ले चुकी एआईएमआईएम मुस्लिम बहुल इलाकों में कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकती है।

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