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Wednesday, Sep 27, 2023
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आखिर दो साल बाद बहाल हुई सांसद निधि!

देसराग डेस्क
कोरोना संक्रमण के चलते सांसद निधि सस्पेंड होने के कारण मध्यप्रदेश में सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्य नहीं करवा पाए हैं। ऐसे में क्षेत्र में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। अब केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सांसद निधि बहाल कर दी है। ऐसे में सांसदों के सामने चुनौती है कि पहले वे कौन का काम करवाएं। प्रदेश के अधिकांश सांसदों ने प्राथमिकता के आधार पर क्षेत्र के विकास का प्रस्ताव तैयार करवाना शुरू कर दिया है। वहीं कई सांसदों ने प्रस्ताव भेज दिया है अब उन्हें निधि का इंतजार है।

जानकारी के अनुसार सांसद निधि बहाल होने के बाद प्रदेश के 29 में से 16 लोकसभा सांसदों को पहली किस्त के तौर पर कुल 40 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। राज्यसभा के पांच सांसदों को राशि मिलना केंद्र सरकार के एमपी लैड पोर्टल में बताया जा रहा है। जिन सांसदों को अभी तक पहली किस्त नहीं मिली है उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं। इन सांसदों के करोड़ों रुपए लागत के प्रपोजल तैयार हैं। एमपी लैड्स नई दिल्ली के अधिकारी कहते हैं कि जो सांसद एमपीआर यानि मंथली प्रोग्रेस रिपोर्ट देगा उसे प्राथमिकता पर निधि दी जाएगी। देखने में यह भी आया है कि कई सांसदों ने कामों के उपयोगिता प्रमाण पत्र भी नहीं भेजे हैं।

एमपीलैड्स नई दिल्ली के उप सचिव सुनील जस्सल का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सांसद निधि जारी की जा रही है। पहले उन्हें किस्त भेज रहे हैं जिन्होंने पिछले कामों के उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दिए हैं।
हम सांसदों के कामों को भी देखते हैं।

कोई किसान तो कोई महिलाओं पर खर्च करेगा राशि
सांसद निधि मिलने के बाद सांसदों में विकास कार्यों की प्राथमिकता तय कर ली है। कोई किसानों पर तो कोई महिलाओं पर राशि खर्च करेगा। सतना सांसद गणेश सिंह को पहली किस्त के तौर पर 2.5 करोड़ रुपए मिलें हैं। उन्होंने कहा, वे पूरी राशि किसानों के नाम पर खर्च करेंगे। कोरोनाकाल में किसानों के फसल उत्पादन में असर पड़ा है। गांव-गांव में विद्युत ट्रांसफार्मर खराब हो गए। कई गांवों में बिजली की लाइनें डालने की जरूरत है। इसलिए सभी प्रपोजल किसानों के नाम पर बनाकर दिए हैं।

वहीं भिंड की सांसद संध्या राय को पहली किस्त नहीं मिली है। वे कहती हैं लोक सभा चुनाव आगे है। इसलिए महिलाओं और युवाओं के नाम पर ज्यादा राशि खर्च करेंगे। हमारे पास बड़ी संख्या में प्रपोजल आए हैं। कोरोना के कारण सांसद निधि स्थगित कर दी गई। इन दो सालों में ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में विकास कार्य कराने हैं।

राशि से अधिक का प्रस्ताव
दो साल तक सांसद निधि सस्पेंड रहने के कारण विकास कार्यों की पेंडेंसी लंबी हो गई है। ऐसे में राशि से अधिक का प्रस्ताव बनाया गया है। बैतूल के सांसद दुगार्दास उइके के अनुसार राशि 2.5 करोड़ आई है और प्रस्ताव 5-6 करोड़ के आ चुके हैं। हमने गांवों में शवदाह गृह, हैंडपंप और यात्री प्रतीक्षालयों के निर्माण पर विशेष फोकस किया है। कोरोना के कारण विकास कार्य की पहली किस्त मिलते ही महिलाओं से संबंधित काम समय पर नहीं करा सके। वहीं बालाघाट के सांसद ढाल सिंह बिसेन कहते हैं- पहली किस्त अभी नहीं मिली है। क्षेत्र में पेयजल का गंभीर संकट है। राशि मिलते ही गांव-गांव टैंकर भेजेंगे। सिंचाई, स्वास्थ्य, स्कूल भवन, यात्री प्रतीक्षालय, आंगनबाड़ी भवन और सड़कों के निर्माण पर फोकस है। जहां समर्थक ज्यादा हैं, वहां विकास कार्य कराएंगे। उधर इंदौर के सासंद शंकर लालवानी कहते हैं- ढाई करोड़ की पहली किस्त मिल गई है। हमने तय किया है कि पानी के टैंकर, सामुदायिक भवन, गांवों में सड़कों का निर्माण और बोरिंग पर राशि खर्च करेंगे। 2 करोड़ के प्रपोजल दे भी दिए हैं। कोरोना के समय भी हमने क्षेत्र में विकास पर पूरा फोकस किया।

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