नजरिया
सोमेश्वर सिंह
जब आप किसी खास मजहब को निशाना बनाकर नफरत फैलाते हैं, तब वही होता है, जो भाजपा की निलंबित राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा के मामले में हो रहा है। नफरत का यह बीज तो सावरकर ने आजादी के पहले ही द्विराष्ट्रवाद का सिद्धांत रखकर बो दिया था। इसी विचारधारा के चलते महात्मा गांधी की हत्या हुई। हत्यारा नाथूराम गोडसे तो एक मोहरा था।
जब जब किसी राजनीतिक दल या उसके नेता का अंध विरोध किया जाता है। नेता के खिलाफ व्यक्तिगत घृणा फैलाई जाती है। उसकी चारित्रिक हत्या की जाती है। अनर्गल आरोप लगाए जाते हैं। देश की सभी समस्याओं की जड़ उस नेता को बताया जाता है। तब तब नफरत की यह जहरीली विचारधारा एक अदद उन्मादी, जेहादी पैदा करती है। इसी के चलते महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या हुई।
भाजपा,आरएसएस, उनके सभी आनुषांगिक संगठन तथा भाजपा की बी टीम कैप्टन असदुद्दीन ओवैसी आखिर कांग्रेस को ही नंबर एक दुश्मन क्यों मानते हैं। सिर्फ इसलिए कि कांग्रेस देश के सेकुलर ढांचे की पक्षधर है। हमारा संविधान भी सेकुलर देश की गारंटी देता है। संविधान के प्रति भाजपा भले जवाबदेह ना हो, परंतु कांग्रेस पार्टी है। संवैधानिक दायरे में ही रहकर फैसले देना न्यायपालिका की जिम्मेदारी है।
यही सुप्रीम कोर्ट जब पेगासस जासूसी, राफेल सौदा, जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत, गुजरात दंगे पर फैसला सुनाती है तब वह अच्छी होती है। और अब नूपुर शर्मा के मामले में खराब हो गई। नूपुर शर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत तथा जेबी पार्डीवाला ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा आज जो कुछ भी देश में हो रहा है उसके लिए यह अकेली महिला जिम्मेदार है। इनकी बदजुबानी ने देश को आग में झोंक दिया। नूपुर को खतरा है या वे सुरक्षा के लिए खतरा बन गई। उन्होंने पूरे देश में भावनाओं को भड़काया है। उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के इस टिप्पणी से नूपुरबाज खेमे में हाय तौबा मची हुई है। जिसका जवाब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में देते हुए कहा सत्तारूढ़ दल सोचता है कि सरकार की सभी तरह की कार्रवाई न्यायिक समर्थन की हकदार है और विपक्षी दल उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका उनके राजनीतिक पक्ष और मकसद को आगे बढ़ाएं। लेकिन यह समझना जरूरी है कि न्यायपालिका केवल और केवल संविधान के प्रति जवाबदेह है।
उन्होंने आगे कहा पूरी दुनिया में सरकार बदलने के साथ नीतियां बदलती हैं। लेकिन कोई भी समझदार, परिपक्व और देशभक्त सरकार नीतियों में इस तरह से बदलाव नहीं करेगी जो उसके अपने क्षेत्र के विकास को धीमा या रोक दे। उन्होंने खेद व्यक्त किया की दुर्भाग्य से भारत में जब कोई परिवर्तन होता है तब सरकार में हम ऐसी संवेदनशीलता और परिपक्वता नहीं देखते। अच्छा हुआ कि उन्होंने अमेरिका में कहा, यदि भारत में कहा होता तो कोहराम मच जाता।
सोशल मीडिया में नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले दो व्यक्तियों की हत्या कर दी गई। राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल टेलर तथा महाराष्ट्र के अमरावती में केमिस्ट उमेश प्रहलाद राव उन्मादियों का निशाना बन गए। उदयपुर का हत्यारा उन्मादी रियाज तो राजस्थान के बड़े भाजपा नेता पूर्व गृहमंत्री द्वारा पोषित है। जिसकी फोटो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है। दरअसल यह घटना कांग्रेस शासित राजस्थान को अस्थिर करने की साजिश का एक हिस्सा है। क्योंकि महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा के पाठ से शुरू हुआ विवाद अंततः शिवसेना सरकार को हिंदुत्व के नाम पर ले डूबा।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)