भिंड(देसराग)। मध्य प्रदेश कांग्रेस में एकता की कोशिशें परवान नहीं चढ़ पा रही हैं। इन्हीं कोशिशों के लिए भिंड आए मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पूरी तरह नाकाम रहे। माना जा रहा था कि भिंड दौरे पर आए कमलनाथ जिले के बड़े नेताओं के बीच लगातार चौड़ी हो रही खाई को पाटने में अहम भूमिका निभाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
पार्टी की एकता का यह शो पार्टी के एक बड़े नेता और पूर्व मंत्री के इर्द गिर्द सिमट कर रह गया। मंच और मंच से बाहर इस बड़े नेता का वन मैन शो नजर आया। भिंड जिले के बड़े नेता राकेश चौधरी को मंच पर अपने भाषण में यह कहना पड़ा कि उनका नाम भाषण देने वालों की सूची में ही नहीं था। उन्हें कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा से अपने भाषण के लिए सिफारिश लगवानी पड़ी तब कहीं जाकर उन्हें मंच से बोलने का मौका मिला। दरअसल मेहगांव विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी के क्षत्रपों में जो दरार आई थी वह अब तक नहीं भर पाई है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का यह दौरा कई मायनों में अहम था।
उम्मीद यह थी कि भिंड में कमलनाथ का दौरा कांग्रेस को मजबूती देगा ताकि पार्टी ग्वालियर चंबल संभाग में भाजपा के खिलाफ डटकर मुकाबला कर सके। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंच से अपने 15 महीनों की सरकार की उपलब्धियां गिनाई और किसान और महिलाओं पर अत्याचारों की बात भी कही लेकिन कमलनाथ की रैली और उनके भाषण में कुल जमा आधा दर्जन महिलाएं ही नजर आईं। इस दौरान दो मंच बनाए गए। एक मंच जहां से कमलनाथ को संबोधित करना था उस पर डॉक्टर गोविंद सिंह और उनके समर्थकों का कब्जा रहा जबकि दूसरे मंच पर दीगर कांग्रेसी नजर आए। युवा कांग्रेस नेता देवाशीष जरारिया को तो मंच पर बोलने का मौका ही नहीं मिला।