19.2 C
New York
Tuesday, Jun 6, 2023
DesRag
राज्य

प्रीतम के बहाने सवर्ण बनाम ओबीसी की सियासत को हवा देने की कवायद

ग्वालियर(देसराग)। कथावाचकों और ब्राह्मणों पर कथित अभद्र टिप्पणी कर भाजपा से निष्कासित हुए प्रीतम लोधी आक्रामक राजनीति की मिसाल बन रहे हैं। अलबत्ता प्रीतम लोधी के ब्राह्मणों पर दिये विवादित बयान के बाद सियासत गर्मा गई है। इस मामले में बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री भी कूद पड़े हैं। उन्होंने प्रीतम लोधी को खुली चुनौती दे डाली। इधर कथावाचक के बयान के बाद लोधी समुदाय की साधना भारती भी मैदान में आ गई हैं। उन्होंने प्रीतम लोधी के डीएनए पर उंगली उठाने के सवाल को मातृ शक्ति का अपमान बताते हुए कथावाचक से माफी मांगने की बात कही है।

इस घटनाक्रम के जरिए प्रीतम लोधी और लोधी समुदाय जातीय ध्रुवीकरण के साथ-साथ पिछड़ा वर्ग और सवर्ण की लड़ाई को हवा दे रहे हैं। प्रीतम लोधी के बयान के बाद पूरे प्रदेश में ब्राह्मणों की नाराजगी को देखते हुए भाजपा ने निष्कासन की कार्रवाई तो कर दी लेकिन इसके बाद बुंदेलखंड के प्रसिद्ध कथा वाचक धीरेंद्र कुमार शास्त्री की प्रीतम लोधी पर की गई टिप्पणी को मुद्दा बनाकर लोधी और पिछड़ा वर्ग एकता की सियासत को हवा देने कई नेता परदे के पीछे तो कई खुलेआम सक्रिय हैं। कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री के बाद कांंग्रेस से जुड़ी लोधी समुदाय की साधना भारती ने भी आग में घी डालने का काम किया है और धीरेंद्र शास्त्री पर निशाना साधा है। हालांकि कांंग्रेस इस मामले में चुप्पी साधे हुए है और सियासी हवा का अंदाजा ले रही है। फिलहाल इस घटनाक्रम में लोधी समुदाय आक्रामक तरीके से ब्राह्मण विरोध के साथ-साथ पिछड़ा वर्ग एकता को हवा देकर प्रदेश की सियासी फिजा बदलने की कोशिश कर रहा है।

दुष्कर्म की घटना बनी आधार
सागर जिले के बंडा थाने में 13 अगस्त को एक दुष्कर्म का मामला सामने आया था। जिसमें आरोप था कि बंडा के खजराभेड़ा गांव में एक 13 साल की लड़की के साथ 56 साल के बुजुर्ग ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। इसमें पीड़िता लोधी समुदाय की लड़की थी और जिस बुजुर्ग पर आरोप लगे थे, वह ब्राह्मण समुदाय का था। मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस ने तत्काल आरोपी को गिरफ्तार कर अपहरण, दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया था, लेकिन इसके बाद मामले को सियासी हवा देने बंडा में पिछड़ा वर्ग महासभा और भीम आर्मी ने एकजुट होकर आरोपी को फांसी देने और उसका घर ढहाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन किया। जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।

ब्राह्मणों और कथावाचकों पर अभद्र टिप्पणी
घटनाक्रम यहीं नहीं थमा, इसके बाद भाजपा के लोधी समुदाय के नेता प्रीतम लोधी ने ब्राह्मणों और कथा भाजपा के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए थे। इस वीडियो में कथावाचकों के साथ महिलाओं पर भी निशाना साधा गया था। बयान का वीडियो वायरल होते ही ब्राह्मण समाज पूरे प्रदेश में सड़क पर उतर आया था। जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे थे और प्रीतम लोधी पर एफआईआर दर्ज कराई जा रही थी। प्रीतम लोधी ने अपने बयान को लेकर माफी भी मांगी थी। लेकिन प्रदेश भर में हो रहे विरोध को देखते हुए भाजपा ने प्रीतम लोधी को निष्कासित कर दिया।

निष्कासन के बाद जातीय ध्रुवीकरण के प्रयास
भाजपा से निष्कासन के बाद प्रीतम लोधी ने एक तरह से अपने आप को शहीद की तरह पेश किया और पार्टी से नाराजगी बताते हुए आक्रामक राजनीति पर उतर आए। उन्होंने इस सारे घटनाक्रम के जरिए जातीय ध्रुवीकरण के प्रयास तेज कर दिए। प्रीतम लोधी के निष्कासन के बाद लोधी और ब्राह्मण समुदाय आमने-सामने आ गए। इस मुद्दे को एक कदम आगे बढ़कर वर्गीय ध्रुवीकरण का भी हिस्सा बनाने की कोशिश की जा रही है। पिछड़ा वर्ग बनाम सवर्ण राजनीति का भी यह मुद्दा बन चुका है। पिछड़ा वर्ग महासभा के साथ-साथ भीम आर्मी और अन्य सामाजिक संगठन इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

बयान ने आग में घी डालने का काम किया
जातीय और वर्गीय ध्रुवीकरण के प्रयास में लगे नेताओं के लिए बुंदेलखंड के बागेश्वर धाम के प्रसिद्ध कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री का बयान और मददगार साबित हुआ। दरअसल धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी कथा के दौरान प्रीतम लोधी के बयान को लेकर उन पर जमकर निशाना साधा और कई आपत्तिजनक बातें कहीं। कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने प्रीतम लोधी का नाम लिए बिना उनके पिता पर और डीएनए को लेकर भी सवाल खड़े कर दिया। इस मुद्दे ने इस सियासत की आग में घी डालने का काम किया।

लोधी समुदाय की साधना भारती भी मैदान में
कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री का बयान सामने आने के बाद लोधी समुदाय और उग्र हो गया। कांग्रेस की स्टार प्रचारक लोधी समुदाय की साधना भारती भी मैदान में उतर आई और उन्होंने खुलकर प्रीतम लोधी का पक्ष लिया। उन्होंने प्रीतम लोधी की टिप्पणी के बाद माफी मांगने पर भी भाजपा की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। वहीं कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री द्वारा प्रीतम लोधी के डीएनए पर उंगली उठाने के सवाल को मातृ शक्ति का अपमान बताते हुए उनसे माफी की मांग कर डाली। हालांकि कांग्रेस ने साधना भारती के बयान से पल्ला झाड़ लिया है, पार्टी ने कहा है कि इस घटनाक्रम को लेकर हम पहले ही पक्ष रख चुके हैं। मौजूदा घटनाक्रम या बयानों से पार्टी इत्तेफाक नहीं रखती।

बिछाई जा रही है चुनाव की बिसात
पूरे घटनाक्रम को लेकर अब सिर्फ सियासी बिसात बिछाने का काम चल रहा है। अगले साल 2023 में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। आमतौर पर भाजपा का वोट बैंक माने जाने वाले लोधी समुदाय को प्रीतम लोधी पर कार्रवाई कर भाजपा ने नाराज कर दिया है। प्रीतम लोधी निष्कासन के बाद जिस तरह आक्रामक राजनीति कर रहे हैं और उन्हें सजातीय बंधुओं का समर्थन मिल रहा है, उससे साफ है कि इस घटनाक्रम के सियासी फायदे और नुकसान का आकलन कर सियासत की जा रही है। चर्चा तो यहां तक है कि भाजपा को सबक सिखाने के लिए कई दिग्गज नेता पर्दे के पीछे सक्रिय हैं। वही कांग्रेस इंतजार की मुद्रा में है।

Related posts

मेधा पाटकर पर एफआईआर, कितना सच कितना झूठ

desrag

व्यापमं की करतूतों से पर्दा उठाने वाले डॉ.आनंद राय दिल्ली से गिरफ्तार

desrag

नगर निगम के उपायुक्त पर दहेज प्रताड़ना का मामला

desrag

Leave a Comment