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Tuesday, Sep 26, 2023
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राज्य

मोदी जी के लिए भीड़ जरूरी, बच्चों की पढ़ाई नहीं!

ग्वालियर(देसराग)। दिल्ली से भोपाल और ग्वालियर से कूनो तक मोदी राग और चीता राग गूंज रहा है। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है और इस मौके पर वह मध्यप्रदेश में नामीबिया से लाए जा रहे अफ्रीकी चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बसाने के लिए छोड़ेंगे। मोदी जी के हैप्पी बर्थडे को उत्सव का रूप देने में व्यस्त मध्य प्रदेश सरकार यह भी भूल गई कि बच्चों के लिए पढ़ाई कितनी जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में भाड़े की भीड़ जुटाना है इसलिए स्कूलों की 2 दिन की छुट्टी घोषित कर दी गई है।

स्कूलों की छुट्टी इसलिए कर दी गई है क्योंकि जिन बसों में बच्चे स्कूल जाते हैं उन बसों में भाड़े की भीड़ को ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, भिंड सहित ग्वालियर चंबल अंचल के सभी जिलों से भाड़े की भीड़ को ढोकर कराहल तक ले जाना है ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिवराज सरकार की पीठ थपथपा सके।

वैसे तो स्कूल की छुट्टी होना बच्चों के लिए सबसे बड़ी खुशी होती है लेकिन जो अभिभावक अपना पेट काटकर अपने बच्चों के भविष्य का सपना बुनते हैं, वे जानते हैं कि उनके बच्चों के लिए पढ़ाई कितनी जरूरी है। शनिवार 17 सितंबर को प्रधानमंत्री श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान मैं चीता पुनर्स्थापन कार्यक्रम और कराहल में स्व सहायता समूह के सम्मेलन में शिरकत करेंगे। इसलिए प्रधानमंत्री को सुनने के लिए भीड़ भी जरूरी है। प्रधानमंत्री की सभा में भीड़ जुटाना जरूरी है, भले ही बच्चों के स्कूल खुलें या नहीं। कराहल में होने वाली प्रधानमंत्री की सभा में भीड़ जुटाने के लिए जिन बसों का इंतजाम किया गया है उनमें बड़ी संख्या में स्कूल बसें भी हैं। यही नहीं बड़ी संख्या में ग्वालियर चंबल अंचल में सड़कों पर दौड़ने वाली बसों को भी इसी काम में जोता गया है।

भीड़ जुटाने के लिए बसों का इंतजाम पहली बार नहीं हो रहा है। सभी सरकारें इसी फंडे पर काम करती हैं। हैरानी इस बात की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे “लोकप्रिय” नेता के लिए अगर भीड़ जुटाने की जरूरत पड़ती है तो उनके लोकप्रिय होने पर भी संदेह पैदा होता है।

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