नई दिल्ली (देसराग)। रूस और यूक्रेन के बीच जारी फौजी टकराव पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी गहरी चिंता व्यक्त की है। माकपा ने कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन पर की गयी सैनिक कार्यवाही दुर्भाग्यपूर्ण है। सैनिक टकराव तुरंत बंद कर और शान्ति कायम की जानी चाहिए।
पार्टी के बयान के अनुसार सोवियत संघ के विघटन के बाद से रूस को दिए आश्वासन के बावजूद अमरीका की अगुआई वाला नाटो तेजी के साथ पूरब की तरफ बढ़ रहा है। यूक्रेन को नाटो में शामिल किये जाने के प्रयास रूस की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा उत्पन्न करेंगे।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा, पूर्वी यूरोप की सीमाओं पर नाटो की फौजें और मिसाइलों की तैनाती से रूस की सुरक्षा को दी जा रही धमकी से भी वह चिंतित है। इस लिहाज से रूस द्वारा की जा रही यूक्रेन के नाटो में शामिल न होने समेत सुरक्षा की गारंटी की मांग जायज है। रूस की सुरक्षा संबंधी जरूरतों को तवज्जो देने से अमरीका और नाटो का इंकार और इस इलाके में अमरीकी सेना भेजने की युध्दक कार्यवाही ने तनावों को और ज्यादा बढ़ाया है।
बयान में कहा गया है कि शान्ति कायम करने के लिए जरूरी है कि पूर्वी यूक्रेन के दोनबास इलाके सहित सभी लोगों की चिंताओं का समाधान किया जाए। वार्ताओं को तत्काल शुरू किया जाए। दोनों पक्षों के बीच पहले हुए समझौतों पर कायम रहा जाए। सीपीआई(एम) चाहती है कि भारत सरकार यूक्रेन में फंसे हजारों विद्यार्थियों सहित सभी भारतीयों की हिफाजत सुनिश्चित करे और उनकी सलामत भारत वापसी का बंदोबस्त करे।
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