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Sunday, Mar 26, 2023
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कांग्रेस नेताओं पर संकट का दौर, एक और को दिखाया बाहर का रास्ता

भोपाल(देसराग)मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सेकंड लाइन के नेताओं में ज्यादातर नेताओं पर संकट का दौर बना हुआ है। 15 महीने में सरकार चली जाने के बाद भी नेताओं को जिम्मेदारी देने में कंजूसी की जा रही है और एक-एक कर नेताओं को घर में ही सीमित करके रख दिया गया है। इस कड़ी में अजय सिंह, अरुण यादव, सत्येंद्र यादव जैसे नेताओं के बाद अब महिला कांग्रेस की अर्चना जायसवाल का नाम भी जुड़ रहा है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस में फ्रंट लाइन नेताओं में आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ही नजर आते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी एक समय प्रदेश ही नहीं देश के फ्रंट लाइन नेता रहे हैं लेकिन इस समय वे कमलनाथ का हाथ थामें हैं और प्रदेश में उनकी परछायीं पकड़कर चलते दिखाई दे रहे हैं। इनके अलावा दूसरी लाइन के नेताओं में जिन नेताओं का नाम लिया जाता है, उनमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष व विधायक कांतिलाल भूरिया जैसे नेताओं के प्रमुख नाम शामिल हैं।

अजय-अरुण की जोड़ी ने शिवराज सरकार को घेरा था
एक समय शिवराज सरकार के लिए मुसीबत को चुनौती देने वाले मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता अजय सिंह व अरुण यादव की जोड़ी आज कहीं नजर नहीं आती है। अजय सिंह ने अपने आपको विंध्य में सक्रिय बनाकर रखा है तो अरुण यादव ने खंडवा लोकसभा उपचुनाव में प्रत्याशी से नाम वापस लेकर क्षेत्र में सीमित कर लिया है। यादव तो हाल ही में पीसीसी में हुई प्रदेश प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक की बैठक में भी नहीं पहुंचे थे। कांतिलाल भूरिया को कमलनाथ सरकार ने वरिष्ठता के बावजूद मंत्री बनाना भी उचित नहीं समझा।
सक्रियता भारी पड़ी
मध्य प्रदेश कांग्रेस में सक्रियता नेताओं को राजनीति करना भारी भी पड़़ा है। इसका एक उदाहरण सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र यादव हैं तो दूसरा उदाहरण अर्चना जायसवाल रही हैं। यादव ने अपनी सक्रियता से सेवादल के कई सफल कार्यक्रम किए लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक बताकर उन्हें घर बैठा दिया गया। जायसवाल को कार्यकारिणी बनाने का प्रतिफल यह मिला हाईकमान तक नकारात्मक छवि बनाकर भेज दी गई।

भाजपा ले रही चुटकी
यही वजह है कि आज प्रदेश कांग्रेस संगठन की सक्रियता को लेकर सत्ताधारी भाजपा के नेता चुटकी ले रहे हैं। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मध्य प्रदेश कांग्रेस के घर चलो अभियान पर बार-बार हमले किए हैं। उन्होंने पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व पर सवाल भी उठाए हैं कि उनके कार्यकाल में पार्टी टूटी है। 30 विधायकों ने पार्टी छोड़ी है और उनके कारण कई नेता घर बैठ चुके हैं।

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