भोपाल(देसराग)। रुस- यूक्रेन वॉर के चलते यूक्रेन में मौजूद भारतीय नागरिकों की देश वापसी लगातार चिंता का विषय बन रही है। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से परिजनों की मदद की आवाज आ रही है। प्रदेश के कई नागरिक खासतौर पर छात्र-छात्राओं के अभी भी यूक्रेन में फंसे होने से परिवारों की चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं। इनमें से एक छात्र मंदसौर के गांव भगोर का सचिन भी है और कटनी की छात्रा सुनिधि भी शामिल हैं।
सचिन के पिता की प्रधानमंत्री से गुहार
यूक्रेन में फंसे मंदसौर के सचिन के पिता ने बेटे को वापस भारत बुलाने के लिए मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गुहार लगाई है। बता दें कि, इससे पहले मंदसौर जिले में 5 छात्र अब तक यूक्रेन से लौटे हैं। सभी छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई करने हेतु यूक्रेन गए हुए थे। वॉर के हालातों को देखते हुए यह छात्र समय रहते यूक्रेन से देश लौट आए, लेकिन एक छात्र सचिन प्रजापति जो कि अभी भी यूक्रेन में है।
रुस- यूक्रेन वॉर की खबरों से परिवार मे भय
कटनी की छात्रा सुनिधि की मां हेमलता सिंह ने बताया कि उनकी बेटी यूक्रेन में टर्नोपिल नेशनल यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। आखिरी बार हेमलता सिंह की बेटी से बात कल रात को हुई थी, इसके बाद से ही उसका फोन नहीं लग रहा। सुनिधि ने अपनी मां को बताया था कि, वह और उसकी दोनों सहेलियां डरी और सहमी हुई हैं, उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा कि इन कठिन परिस्थितियों वह किससे मदद की गुहार लगाएं। वहां इंडियन एम्बेसी से संपर्क करने पर भी कोई सहायता नहीं की गई। हेमलता सिंह ने बताया कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही वहां रहने वाले छात्र ड
यूक्रेन में फंसे मध्य प्रदेश के छात्र
पैसे खत्म हो रहे, अब डर लग रहा, हमें घर आना है!
रूस के हमले के बाद यूक्रेन में स्थिति भयावह होती जा रही है। मध्य प्रदेश के कई छात्र यूक्रेन में फंसे हैं, जो वतन वापसी की गुहार लगा रहे हैं। प्रदेश में उनके परिजन परेशान हैं। वो भी सरकार से बच्चों को जल्द-से-जल्द वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं। इधर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मध्य प्रदेश के 86 छात्र यूक्रेन में फंसे हैं, जिन्हें वापस लाने की कोशिश हो रही है। वहीं शुक्रवार रात एयर इंडिया की दो फ्लाइट यूक्रेन में फंसे भारतीय को लाने जाएगी और इसका खर्चा भारत सरकार उठाएगी।
विदिशा की सृष्टि बोलीं-खत्म हो रहे पैसे
यूक्रेन में फंसे भारतीयों में विदिशा के गंज बासौदा की छात्रा सृष्टि सोनी भी शामिल है। उसने वीडियो मैसेज के जरिए वहां के हालात की जानकारी देते हुए, खुद को निकालने की अपील की है। सृष्टि का कहना है कि उनके पास पैसे भी खत्म हो रहे हैं, और हर पल मुसीबत बढ़ती जा रही है। इधर सीहोर के दो छात्र शुभम और दिव्या यूक्रेन में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे, जो अब फंस गए हैं। यहां छात्रों के परिजन चिंतित हैं, वहीं उन्होंने माता-पिता से विडियो कॉल पर बात कर मदद की गुहार लगाई है। “सुनी पर रूस ने किया कब्जा, पापा मुझे निकालो”
ग्वालियर का एक छात्र पीयूष सक्सेना भी यूक्रेन की सुनी शहर में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। हमले के बाद रूस ने सुनी शहर पर कब्जा कर लिया है। उनके पिता तरुण सक्सेना का कहना है कि 2 दिन पहले ही रोज की तरह रात को बात हुई, लेकिन जब सुबह उठकर देखा तो पता चला कि रूस ने हमला बोल दिया है। तरुण सक्सेना ने देश के प्रधानमंत्री से भारतीय छात्रों को वापस बुलाने की गुहार लगाई है। वहीं श्योपुर के छात्र गोविंद राठौर भी फंस गए हैं। जिसकी सलामती को लेकर उसका परिवार बेहद चिंतित है, क्योंकि रूस की सेना यूक्रेन पर लगातार मिसाइलें दाग रही हैं।
रोमानिया होते हुए भारत लौटने का प्लान
सागर के रहली का अक्षय पटेल एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए यूक्रेन के ओडिशा शहर में हैं। अक्षय ने फोन पर बताया कि हम लोग अभी यूक्रेन के ओडिशा में सुरक्षित हैं। अक्षय ने बताया कि हम सभी लोग यूक्रेन से रोमानिया जा रहे हैं, जो कि 400 किलोमीटर दूर है। वहां से भारत आने की व्यवस्था मिलेगी। उन्होंने बताया कि यूक्रेन में काउंसलर के माध्यम से रोमानिया जाने की व्यवस्था की जा रही है। अक्षय के पिता दयाराम पटेल ने कहा कि ईश्वर से हमलोग कामना कर रहे हैं कि वह सुरक्षित वापस घर लौट आए।
सागर के छात्र से कलेक्टर ने की बात
रूस के हमले के बाद यूक्रेन में रह रहे भारतीय छात्रों की सलामती के लिए पूरा देश परेशान हैं। सागर के एक छात्र वेदांश खरे इस समय यूक्रेन में हैं। उनकी सलामती को लेकर जिला कलेक्टर दीपक आर्य ने वीडियो कॉल पर उनसे बात की और उनकी सुरक्षा के बारे में जानकारी ली। वेदांश ने बताया है कि फिलहाल उन्हें एक शिविर में रखा गया है। जहां से भारतीय दूतावास की मदद से उन्हें बस के माध्यम से पोलैंड बॉर्डर पर ले जाया जा रहा है। कलेक्टर ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि राज्य शासन से बात कर उनकी वापसी के प्रयास कर रहे हैं।
प्रदेश के 86 बच्चे यूक्रेन में- गृहमंत्री
यूक्रेन और रूस के बीच हो रहे युद्ध के चलते मध्य प्रदेश के 86 छात्र छात्राएं ऐसे हैं, जो कि वहां पर फंसे हुए हैं। इधर दूतावास सहित मध्य प्रदेश सरकार लगातार उन बच्चों से संपर्क कर रही है, जो कि अभी यूक्रेन में हैं। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि केंद्र सरकार लगातार दूतावास के संपर्क में हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश सरकार भी उन छात्र-छात्राओं से बात कर रही है। जल्द ही उन छात्र-छात्रों को मध्यप्रदेश सुरक्षित लाया जाएगा। इस कड़ी में अभी तक 2 छात्रों को मध्यप्रदेश लाया जा चुका है।